पटना, सनाउल हक़ चंचल-
पटना। टेलिकॉम मंत्रालय 4जी इंटरनेट की गति को दोगुना करने की तैयारी में जुटा है. इस पर दूरसंचार विभाग के प्रस्ताव को सरकार से दिसंबर में मंजूरी मिल सकती है, जिसके बाद दूरसंचार कंपनियों को 60 से 80 गीगाहट्र्ज का स्पेक्ट्रम बैंड दिया जाएगा. इसके बाद सेवा प्रदाता कंपनियां वाई-फाई हॉट स्पॉट के जरिये दोगुनी गति वाली 4जी सेवाएं दे सकेंगी.
दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा के मुताबिक 4जी की गति को तेज करने से संबंधित प्रस्ताव पर कैबिनेट नोट तैयार किया जा रहा है. इसे अगले माह मंजूरी के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष भेजा जाएगा. मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक दूरसंचार मंत्रलय के प्रस्ताव को अनुमति मिलने के बाद 4जी की गति दोगुने के करीब हो जाएगी. यह एक अहम कदम है जिसमें दूरसंचार विभाग ने एक निर्धारित दायरे तक स्पेक्ट्रम बैंड (स्पेक्ट्रम का पट्टा) को लाइसेंस से मुक्त करने को कहा है.
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इसमें ई और वी बैंड बिना लाइसेंस के दिए जाएंगे जो तीन से पांच किलोमीटर तक की दायरे तक के लिए होते हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल भुगतान समेत अन्य पहलुओं के लिए यह जरूरी है, क्योंकि गति को लेकर आम तौर पर उपभोक्ता सेवा प्रदाता कंपनियों से शिकायत करते हैं. इसका इलाज यही है कि छोटे दायरे के बैंड बिना लाइसेंस के दिए जाएं, ताकि लोगों को 4जी इंटरनेट अच्छी गति में मुहैया हो.
देश में मोबाइल फोन प्रयोग करने वालों की संख्या 121 करोड़ और इंटरनेट प्रयोग करने वालों की 50 करोड़ है. इसमें ब्रॉडबैंड सेवाएं लेने वालों की संख्या 30 करोड़ के करीब है. सरकार भारतनेट के तहत 2.23 लाख किलोमीटर तक ऑप्टिकल फाइबर केबल लगा रही है. यह कदम सरकार ने डिजिटल इंडिया अभियान के मद्देनजर देश के हरेक गांव तक इंटरनेट पहुंचाने के लिए उठाया है.