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राष्ट्रपति कोविंद पहुंचे नागपुर की दीक्षाभूमि, डॉ. अम्बेडकर के अस्थिकलश के किए दर्शन

नागपुर, 22 सितम्बर (हि.स.)। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नागपुर के दीक्षाभूमि पहुंचकर बाबासाहेब अम्बेडकर के अस्थिकलश के दर्शन किए। दीक्षाभूमि वह जगह है जहां 14 अक्टूबर 1956 में डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर ने बौद्ध धर्म की दीक्षा ली थी। दिक्षाभूमि विश्व को त्याग, शांति और मानवता की अोर प्रेरित करती है। राष्ट्रपति ने कहा मुझे यहां आकर अपार प्रसन्नता हुई। नागपुर में शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द एक दिवसीय दौरे पर हैं। रामनाथ कोविन्द राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार नागपुर में स्थित दिक्षाभूमि पहुंचे थे।

शुक्रवार को विमान से राष्ट्रपति सीधे दीक्षाभूमि पहुंचे, सुबह 10:30 बजे दीक्षाभूमि पहुंचकर भगवान गौतम बुद्ध और बाबा साहेब को नमन किया। बाबा साहब के अस्थिकलश को पुष्प अर्पित करने के बाद राष्ट्रपति वहां कैंडल भी जलाए , फिर बुद्ध वंदना की। इसके बाद दीक्षाभूमि के स्तूप में पांच मिनट ध्यान भी लगाया। आगंतुक पुस्तिका पर अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करने के बाद राष्ट्रपति अपने अगले कार्यक्रम की अोर प्रस्थान किए।

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दीक्षाभूमि को पुलिस छावनी के रूप में तब्दील कर दिया गया था। 2000 पुलिस कर्मियों को सुरक्षा में तैनात किया गया था। आगंतुक पुस्तिका पर राष्ट्रपति ने लिखा कि परम पूजनीय डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर ने समता और समाज क्रांति की नींव इस पावन भूमि पर रखी ,जिससे भारतीय तथा संपूर्ण मानव समाज उन्नति के पथ पर अग्रसर हो सका, यह पवित्र दिक्षाभूमि संपूर्ण विश्व को त्याग, शांति और मानवता की अोर प्रेरित करती है। मुझे यहां आकर अपार प्रसन्नता हुई।

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