नोटा के खिलाफ गुजरात कांग्रेस की याचिका खारिज
नई दिल्ली, 03 जुलाई : सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के राज्यसभा चुनाव में नोटा का प्रावधान करने के खिलाफ गुजरात कांग्रेस की याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा नोटा का मसला संवैधानिक है और इस पर बहस की जरूरत है। कोर्ट ने निर्वाचन आयोग से इस पर 18 अगस्त तक जवाब मांगा है। उसी दिन इस मसले पर विस्तृत सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का मतलब है कि 8 अगस्त को गुजरात में होने वाली राज्यसभा चुनाव में विधायक नोटा का इस्तेमाल कर सकते हैं। आज सुनवाई के दौरान कांग्रेस की ओर से कहा गया कि अगर नोटा का इस्तेमाल हुआ तो उसके विधायकों को खरीदने की कोशिश की जाएगी।कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा कि नोटा का प्रावधान संविधान में नहीं है और न ही कोई कानून है। यह सिर्फ निर्वाचन आयोग का आदेश है। उन्होंने कहा कि नोटा जनप्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन करता है।
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कोर्ट ने कहा कि ये अधिसूचना निर्वाचन आयोग ने 2014 में ही जारी किया था और अब आप इसकी कमी को चुनौती दे रहे हैं। तो कपिल सिब्बल ने कहा कि ये पहली बार है कि गुजरात में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चार उम्मीदवार हैं। केंद्र सरकार की तरफ से अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि हमें इस अधिसूचना से कोई लेना-देना नहीं है।
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और विवेक तन्खा ने इस मामले को कल सुप्रीम कोर्ट में मेंशन किया था जिस पर जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच इस याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गई थी।