राहुल गांधी की केंद्र से गुहार, ‘दिव्यांगता कर’ वापस ले केंद्र
नई दिल्ली, 03 जुलाई : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने दिव्यांग लोगों से संबंधित सभी वस्तुओं से जीएसटी वापस लेने की मांग की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि व्हील-चेयर, ब्रेल टाइपराइटर के महंगे होने से लाखों दिव्यांगों को और अधिक कठिनाई का सामना करने पड़ेगा।
कांग्रेस पार्टी इस ‘दिव्यांगता कर’ के पूर्ण रोल की मांग करती है जो लाखों दिव्यांग लोगों को आगे की कठिनाई के माध्यम से पेश करेगी। जीएसटी का असर दिव्यांग बच्चों की वस्तुओं व लोगों के उपचार के लिए प्रयोग होने वाली दवाइयों, दिव्यांगों की कार पर असर पड़ रहा है।
कांग्रेस के मुताबिक दिव्यांगों द्वारा प्रयुक्त सहायक उपकरणों को जीएसटी के दायरे में लाने से देश भर में सरकार के प्रति नाराजगी दिख रही है। भारत की करीब छह फीसद आबादी दिव्यांग है। 2006 से लेकर अभी तक दिव्यांगों के उपकरण टैक्स के दायरे से बाहर थे लेकिन अब सरकार ने उन पर पांच से लेकर 18 फीसद जीएसटी लगाने का फैसला किया है। बैसाखी, ट्राईसाइकिल, कृत्रिम अंग, घूमने वाले सहायक उपकरण, पुनर्वास यंत्र और गाड़ी पर पांच5 फीसद जबकि ब्रेल पेपर, ब्रेल घड़ियों और श्रवण यंत्रों पर 12 फीसद तथा ब्रेल टाइपराइटर पर 18 फीसद जीएसटी निर्धारित है। ये सभी उपकरण, जो दिव्यांग के लिए अतिआवश्यक होते हैं, अब महंगे हो गये हैं। इसका असर दिव्यांगों तक इसकी सुलभता, रोजगार, शिक्षा और रोजमर्रा के जीवन पर पड़ रहा है।
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आमतौर पर दिव्यांगों की आर्थिक स्थिति कमजोर होती है और वह स्वावलंबी न होकर पराश्रित होता है। जीवन-यापन करने के लिए सरकार स्वयं उन्हें मासिक पेंशन के रूप छोटी धनराशि प्रदान करती है। कांग्रेस ने सवाल उठाते हुए कहा कि जिन उपकरणों पर सरकार को सब्सिडी देनी चाहिए थी उसे, जीएसटी के दायरे में क्यों लाया जा रहा है? जबकि सरकारें स्वयं ऐसे उपकरणों का दिव्यांगों के बीच नि:शुल्क वितरण करती आई हैं।
देशभर में हो रहे विरोध के बीच सरकार अब सभी उपकरणों को पांच फीसदी जीएसटी पर लाने पर विचार कर रही है लेकिन पांच फीसदी भी क्यों हों? सिनेमा के 100 रुपये तक के टिकट पर 18 प्रतिशत और ब्रेल टाइपराइटर पर भी इतना ही जीएसटी से क्या बोध होता है? सरकार को चाहिए दिव्यांग बच्चों के लिए प्रयोग होने वाली वस्तुओं व दवाइयों को जीएसटी से बाहर रखा जाए। जिससे दिव्यांग बच्चे अपना सफल जीवन जी सकें और लोगों को सस्ता उपचार मिल सके।