डायबिटिज का आंखों पर पड़ता है असर उपचार भी सम्भव: डॉ. कमलजीत
इलाहाबाद, 30 अप्रैल (हि.स.)। मधुमेह के सम्बन्ध में और उससे होने वाले नेत्र विकारों पर चर्चा करते रविवार की सुबह आई.एम.ए. के परिसर में आयोजित वैज्ञानिक संगोष्ठी में डाॅ. कमलजीत सिंह ने कहा कि डायबिटिज का आंखों पर काफी असर पड़ता है और उसका उपचार भी सम्भव है। उन्होंने मधुमेह के बारे में एवं उससे होने वाले नेत्र विकारों के सम्बन्ध में सभी चिकित्सकों को अवगत कराया और किस प्रकार से इनका इलाज किया जा सकता है उस पर प्रकाश डाला।
डाॅ.ए.के. दत्ता ने मधुमेह की वजह से कम उम्र में ही मोतियाबिन्द हो जाने एवं उनके लक्षणों के बारे में जानकारी प्रदान की साथ ही डायबिटिक कैटरैक्ट (मोतियाबिन्द) के ऑपरेशन में जो सावधानियां बरतनी चाहिए उसके बारे में जानकारी दी और कहा कि मोतियाबिन्द का अॉपरेशन जितनी शीघ्र हो जाए उतना ही अच्छा और अधिक पक जाने का इन्तजार नहीं करना चाहिए। इसी तरह डाॅ. अभिषेक सरन ने अपना व्याख्यान मधुमेह से रेटिना पर होने वाले प्रभाव और उसके उपचार के तरीके बताया।
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संगोष्ठी की अध्यक्षता ए.एम.ए. अध्यक्ष डाॅ. आलोक मिश्रा ने की। वक्ता डाॅ. कमलजीत सिंह, डाॅ. ए.के. दत्ता और डाॅ.अभिषेक सरन, नेत्र रोग विशेषज्ञों ने अपना व्याख्यान मधुमेह का आंखों पर असर, डायबिटिक कैटरैक्ट (मोतियाबिन्द) डायबिटिक रेटिनोपैथी विषय पर दिया।
संगोष्ठी का संचालन डाॅ. आर.के.एस. चैहान एवं डाॅ. राजेश मौर्या ने किया और भविष्य में एसे ज्ञानवर्धक संगोष्ठियां आयोजन कराने का आश्वासन दिया और अन्त में वक्ताओं एवं श्रोताओं को धन्यवाद दिया।