जाने आखिर क्यों 12 अप्रैल को मनाया जाता है ‘इंटनेशनल डे ऑफ ह्यूमन स्पेस फ्लाइट’.
National.नई दिल्ली, 12 अप्रैल = यूरी गैगरिन ने ‘वोस्ताक-1’ नामक अंतरिक्ष यान में बैठकर 12 अप्रैल 1961 में पृथ्वी का ऑरबिट पूरा किया था और पृथ्वी की कक्षा से बाहर गये थे। इसलिए प्रत्येक वर्ष 12 अप्रैल को ‘इंटनेशनल डे ऑफ ह्यूमन स्पेस फ्लाइट’ मनाया जाता है ।
यूरी गगारिन भूतपूर्व सोवियत संघ के पायलट और अंतरिक्ष यात्री थे। अंतरिक्ष में जाने वाले वो प्रथम मानव भी थे । अंतरिक्ष की यात्रा करने के बाद गगारिन अंतर्राष्ट्रीय सेलेब्रिटी बन चुके थे। जिसके बाद उन्हें कई पदक और खिताबों से सम्मानित किया गया था। उन खिताबों में से एक ख़िताब था हीरो ऑफ़ द सोवियत यूनियन।
साधारण परिवार में जन्मे यूरी गैगरिन
यूरी गैगरिन का जन्म 9 मार्च 1934 को क्लूशीनो, रुस में हुआ था। वे बेहद साधारण परिवार से थे। अपने माता-पिता की चार संतानों में यूरी तीसरे थे। उनका परिवार पश्चिमी रूस में क्लूशीनो नाम के जिस गांव में रहता था, वह बेलारूस की सीमा के पास है। 1955 में सारातोव शहर में उन्होंने कास्टिंग तकनीक में डिप्लोमा प्राप्त किया। साथ ही, वहां के फ्लाइंग क्लब में भर्ती होकर विमान चलाना सीखने लगे। जिसके बाद वे सोवियत सेना में भर्ती हो गए।
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यात्रा से जुडा रोचक तथ्य
गागरिन ने अंतरिक्ष में 108 मिनट की उड़ान भरी थी। जैसे ही रॉकेट छोड़ा गया गागरिन ने कहा, ‘पोयेखाली’, इसका मतलब होता है ‘अब हम चले’। इनकी यात्रा से एक रोचक तथ्य यह भी जुड़ा है कि यूरी को इस अभियान के लिए उनकी कम कद के कारण ही चुना गया था। उनका कद मात्र पांच फुट दो इंच था। इसके कारण वे अंतरिक्ष यान की कैप्सूल में आसानी से फिट हो सकते थे।
1968 में 27 मार्च को दुनिया को कहा अलविदा
यूरी गैगरिन’ ने 1968 में 27 मार्च को दुनिया को अलविदा कह दिया था। मिग-15 ट्रैनिंग जेट हादसे का शिकार हो गया, जिसमें यूरी गैगरिन की मौत हो गई थी।