National.नई दिल्ली, 13 फरवरी = सुप्रीम कोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है । याचिका में कहा गया था कि कुलपति की नियुक्ति प्रक्रिया में यूजीसी के मापदंडों का पालन नहीं किया गया । कोर्ट ने कहा कि एएमयू में कुलपति की नियुक्ति प्रक्रिया जारी रहेगी । सुनवाई के दौरान एएमयू ने कहा कि सेलेक्शन बोर्ड ने यूजीसी के मापदंडों के अनुसार ही तीन नामों को अनुशंसित किया है ।
पिछली सुनवाई के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि यह परंपरा है कि कुलपति के पद पर किसी ख्याति प्राप्त व्यक्ति की नियुक्ति की जाए । युनिवर्सिटी ने इसके लिए वर्तमान उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी के नाम का उदाहरण दिया था । इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि इसका मतलब ये है कि किसी संगीतकार, खिलाड़ी, गीतकार, सेना का जनरल या एक पत्रकार भी अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी का कुलपति चुना जा सकता है । कोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी से पूछा था कि कुलपति की नियुक्ति के लिए क्या क्या शर्तें हैं ।
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इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 26 सितंबर को इस मामले को सुनवाई के लिए तीन जजों की बेंच को भेजा था । पहले जो बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही थी उसमें पूर्व चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर और जस्टिस एएम खानविलकर शामिल थे । दरअसल अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति पद पर सेवानिवृत लेफ्टिनेंट जनरल जमीरुद्दीन शाह की नियुक्ति को एक पूर्व छात्र ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया । आपको बता दें कि जमीरुद्दीन शाह प्रसिद्ध फिल्म कलाकार नासिरुद्दीन शाह के भाई हैं।