पति पर 65गोली चलाने वाले को चुनाव में चुनौती देने के लिए खड़ी है यह महिला .
गाजीपुर (9 फरवरी): अगर कोई महिला अपनी जिद्द पर आ जाय तो वह अच्छे –अच्छो को धुल चटा सकती है .महिलावो की हिम्मत और वीरता से इतिहास भरा पड़ा है .वही मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट से बीजेपी कैंडिडेट के रूप में अल्का राय उस बाहुबली डान मुख्तार अंसारी के भाई को चुनाव में चुनौती देने के लिए खड़ी है , जिस पर उनके पति समेत 7 लोगों की दिन दहाड़े अंधा धुंध गोलिया चलाकर हत्या का आरोप है। अल्का राय पूर्व बीजेपी एमएलए स्वर्गीय कृष्णानंद राय की पत्नी हैं। इस चुनाव में उनकी सीधी टक्कर मुख्तार के भाई और वर्तमान विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी से है, जो बीएसपी से मैदान में हैं।
2007 में मिली हार के बाद चुनाव नहीं लड़ने का किया था फैसला…
पति के एन राय की हत्या के बाद 2006 में हुए उपचुनाव में पहली बार अल्का राय बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ी। इस चुनाव में अल्का ने सपा के गामा राम को 33,744 वोटों से हराकर जीत हासिल की थी।इसके बाद दोबारा 2007 के विधानसभा चुनाव में अल्का को बीजेपी से मौका मिला, लेकिन इस चुनाव में वह 3,386 वोटों से सपा के सिबगतुल्लाह अंसारी से हार गई, जिसके बाद 2012 के चुनाव में अल्का ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था ।लेकिन बीजेपी ने 2017 के चुनाव में फिर से अल्का राय पर विश्वास जताते हुए उन्हें अपना कैंडिडेट बनाया है।
क्या है पूरा मामला .
बताया जा रहा है की 29 नवंबर 2005 को भांवरकोल ब्लॉक की ओर से आयोजित क्रिकेट टूर्नामेंट का उद्घाटन करने के बाद कृष्णानंद राय जा रहे थे।लेकिन अपराधियों को यह पहले से पता था कि कृष्णानंद के साथ उनके सरकारी गार्ड के अलावा और कोई सुरक्षाकर्मी नहीं है।न हीं वह अपनी बुलेट प्रूफ गाड़ी में है ।जिसका फायदा उठाते हुए अपराधियों ने कृष्णनंद राय पर एके-47 और पिस्टल से अंधाधुंध गोलिया चलानी शुरू कर दी . इस अंधाधुंध गोलीबारी में किसी को भी अपने बचाव का मौका नहीं मिला और साथ में मौजूद मोहम्मदाबाद के पूर्व ब्लॉक प्रमुख श्यामा शंकर राय, भांवरकोल ब्लॉक के बीजेपी मंडल अध्यक्ष रमेश राय, अखिलेश राय, शेषनाथ पटेल, मुन्ना यादव और निर्भय नारायण की मौके पर ही मौत हो गई थी।पोस्टमार्टम में केएन राय के शरीर से 65 गोलियां निकाली गई थीं।इस घटना को करीब 12 साल बीत गए और तभी से आरोपी माफिया डॉन जेल में बंद है .