नई दिल्ली = दिल्ली पुलिस ने करीब 700 मासूम बच्चियों से बलात्कार के मामले में एक शख्स को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक सुनील रस्तोगी नाम का ये शख्स मासूम बच्चियों को अपनी जाल में फसाकर अपने साथ ले जाता था और फिर रेप की वारदात को अंजाम देता था। सुनील रस्तोगी की उम्र 38 साल है और इसके परिवार में पत्नी, 5 बच्चे हैं। यह यूपी के रामपुर का रहने वाला है।
दिल्ली एनसीआर का सबसे बड़ा सीरियल रेपिस्ट सुनील रस्तोगी अपना भरा पूरा परिवार होने के वावजूद भी एक ऐसे जुर्म का हिस्सा बन गया, जिसके हर अल्फाज सिर्फ आप को एक वहशी दरिंदा ही बोलते हैं। पेशे से टेलर सुनील रस्तोगी पिछले 4 साल से रामपुर से ट्रेन से दिल्ली एनसीआर के सफर पर निकलता था, और उसके बाद दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद में 7 से 11 साल की मासूम बच्चियों को बहला फुसलाकर अपने साथ सुनसान जगह ले जाकर उनकी अस्मत से हैवानियत का खेल खेलता था।
पुलिस की मानें तो ये सिलसिला पिछले 4 साल से लगातार जारी था। जब जब सुनील की टेलरिंग की शॉप बंद होती ये अपने शिकार के लिए निकल जाता। उधर, अब तक पुलिस ये भी पता नहीं लगा पा रही थी कि आखिर वो कौन है जो मासूमियत की अस्मत को तार तार कर रहा है क्योंकि अब तक पुलिस के पास न तो मुल्जिम की कोई पहचान थी और ना कोई चहेरा। जिससे अब तक यह हैवान पुलिस के हथे नहीं चढ़ा था .
जब भी वक्त मिलता निकल जाता बच्चियों को अपना शिकार बनाने …
वक्त मिलते ही यह वहशी रामपुर से ट्रेन से दिल्ली एनसीआर के अलग अलग शहरों में अपनी हवस की खुराक की तलाश में घूमता और मौका मिलते ही अपने काम को अंजाम देकर चलता बनता।
एक ही तरह के कपडे पहनता था …
सुनील के कबूलनामे ने पुलिस को भी हैरान कर दिया है। सबसे खास बात यह कि इन पिछले चार साल में जब जब सुनील रस्तोगी मासूम बच्चियों के साथ रेप और छेड़छाड़ की वारदात को अंजाम देता, वो एक ही कपड़े पहनकर आता था। यह एक ही कपड़े पहनकर रेप की वारदात करता था और हमेशा एक ही जूते, एक ही जैकेट पहनता था। एक ही दिन वारदात को अंजाम देने के लिए घर से निकलता था और एक ही नंबर की ट्रेन में सफर भी करता था।
इसकी बाते सुनकर पुलिस भी हैरान ………
पुलिस पूछताछ में इस सीरियल रेपिस्ट ने कबूल किया है कि वो एक ही कपड़े में रेप की सभी वारदात को अंजाम दे चुका है। एक ही जोड़ी के इस कपड़े से सुनील को एक खास लगाव था। इन्हीं कपड़ों की एक महक सुनील को कामुक और वहसी बनने पर मजबूर करती थी। कई दफा सुनील अपने मंसूबो में कामयाब भी नहीं हुआ। वह जब बहुत आगबबूला हो जाता था, अपने साथ छोटे बच्चों के नए कपड़े रखता था। बच्चों को बहला फुसलाने के लिए वह दिल्ली एनसीआर के सरकारी स्कूल की बच्चियों को अपना निशाना बनाता था।
सीसीटीवी फुटेज से पुलिस को पकड़ने में मिली मदद .
पुलिस के मुताबिक 2004 में ये रूद्रपुर में जाकर बस गया था। दिल्ली से इसको इसलिए रामपुर जाना पड़ा क्योकि इसकी नजर बच्चियों पर गलत थी। दिल्ली के अशोक नगर थाने में जब तीन मासूम बच्ची के साथ छेड़छाड़ और रेप की शिकायत पुलिस को मिली उसके बाद एक सीसीटीवी में सुनील रस्तोगी का चेहरा पुलिस को पता चला और उसके बाद पुलिस ने एक टीम बनाई और उसके बाद ये पुलिस के हत्थे चढ़ सका है।
हलदानी में भी पहले ये रेप के मामले में जेल जा चुका है उसके बाद जब उस जेल से सुनील की मानसिक प्रोफाइलिंग करवाई उसके बाद पता चला की ये एक पीडो फाइल सायको रेपिस्ट है।