कांग्रेस अपने सियासी वनवास को खत्म करना चाहती है : अजित जोगी
दिल्ली. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में सभी दल अपने-अपने तरकश के तीर चला रहे हैं. विजयी भव का आशीर्वाद किसे मिला है, यह 11 दिसंबर को पता चलेगा. नेताओं के आरोप-प्रत्यारोप, वायदे और उपलब्धि पर जनता की गहरी नजर बनी हुई है. इस बीच एक न्यूज चैनल के सम्मेलन में सत्ता पक्ष अपनी उपलब्धि तो विपक्ष खामियां बता रहा है. छत्तीसगढ़ में बीजेपी लगातार चौधी बार सत्ता बरकरार रखने की कोशिश में जुटी है तो कांग्रेस अपने सियासी वनवास को खत्म करना चाहती है.
पत्नी के कांग्रेस में होने पर अजीत जोगी ने कहा कि मैंने उनका सम्मान किया है. वो पढ़ी लिखी हैं. मैंने उन्हें कांग्रेस छोड़ने के लिए समझाया, लेकिन वो नहीं मानी. उन्होंने मुझे कहा कि मेरा सोनिया गांधी से अच्छा संबंध है, जब तक वो मुझे अलग होने के लिए नहीं कहती हैं मैं अलग नहीं जाऊंगी. चुनाव बाद बीजेपी या कांग्रेस से गठबंधन पर अजीत जोगी ने कहा कि हमें गठबंधन की जरूरत नहीं पड़ेगी, हमारी पार्टी खुद सरकार बनाएगी. कांग्रेस से मेरे पारिवारिक संबंध अच्छे हैं. मैं कभी गांधी परिवार के लिए गलत या सही टिप्पणी नहीं करूंगा. मैं राहुल गांधी को बचपन से जानता हूं. मैंने हाईकोर्ट में शपथ पत्र देकर चुनावी वायदे किये हैं. अगर मैंने वायदे पूरे नहीं किए तो केस दर्ज किए जा सकते हैं.
कांग्रेस से अलग नई पार्टी बनाए जाने पर अजीत जोगी ने कहा कि मैंने सोनिया गांधी से मुलाकात की और कहा कि मैं अब दिल्ली नहीं आऊंगा. दोनों दलों के फैसले दिल्ली से होते हैं. हमने कहा राज्य का फैसला राज्य में हो. उसके बाद हमने क्षेत्रीय पार्टी का गठन किया. मुझे कांग्रेस ने नहीं निकाला, मैं खुद निकला. मेरे खिलाफ झूठे केस दर्ज किये गए. जोगी ने कहा कि हमने बीएसपी, वामदल से गठबंधन किया है. ये गठबंधन पहली शक्ति है. हम अपने दम पर सरकार बनाएंगे. लोग बीजेपी से नाराज हैं.