नई दिल्ली, 29 दिसम्बर= दिल्ली के नवनियुक्त उपराज्यपाल और 1969 बैच के आईएएस अधिकारी अनिल बैजल 30 दिसम्बर को शपथ ले सकते हैं। हालांकि दिल्ली सरकार की तरफ से अभी बैजल को शपथ ग्रहण समारोह के बारे में कोई फोन नहीं आया है लेकिन शुक्रवार को उनका शपथ ग्रहण तय माना जा रहा है।
देश के इतिहास में हुई सियासी लड़ाइयों में शायद सर्वाधिक दिलचस्प जंग और केजरीवाल की रही| अब ये लड़ाई बैजल के आने के बाद उनकी कार्यशैली से साफ हो जाएगा कि उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री की ये लड़ाई जारी रहेगी अथवा नहीं। यही वजह है कि अब तक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उन्हें बधाई के लिए भी फोन नहीं किया है। इस बीच उनके घर में वरिष्ठ अधिकारियों का आना शुरू हो गया है और बंधाइयों का तांता लग गया है। गौरतलब है कि राष्ट्रपति ने बुधवार को ही अनिल बैजल की नियुक्ति पर मुहर लगा दी है।
अनिल बैजल के अनुसार, ‘ दिल्ली सरकार की तरफ से अभी शपथ ग्रहण समारोह के बारे में मेरे पास कोई फोन नहीं आया है। वे इसके लिए चीफ जस्टिस से समय लेंगे और उसके बाद मुझसे बात करेंगे।‘
बैजल दिल्ली में केंद्र और राज्य के बीच समन्वय कायम रखने में वे अहम भूमिका निभा सकते हैं। प्रशासनिक अनुभव के साथ-साथ तमाम मंत्रालयों के बीच तालमेल का भी उन्हें अच्छा खासा अनुभव है। दिल्ली में नजीब जंग के कार्यकाल में केजरीवाल सरकार से जारी टकराव को रोकने में भी उनका अनुभव काम आ सकता है। दिल्ली से उनका रिश्ता इसलिए भी प्रगाढ़ है क्योंकि वे दिल्ली विकास प्राधिकारण (डीडीए) के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। इसके अलावा वह इंडियन एयरलाइंस के सीएमडी, प्रसार भारती के सीईओ तथा गोवा के डेवलपमेंट कमिश्नर के तौर पर भी काम कर चुके हैं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एमए की डिग्री हासिल करने वाले बैजल को स्क्वैश, बैडमिंटन और टेनिस खेलना पसंद है। करीब 37 साल की सेवा के बाद वह 2006 में शहरी विकास मंत्रालय के सचिव पद से रिटायर हुए थे।