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29 अक्टूबर से शुरू होगी अयोध्या मामले की सुनवाई

नई दिल्ली (27 सितंबर): अयोध्या मामले की सुनवाई 29 अक्टूबर से शुरू होगी। अयोध्या के राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला सुनाया। दरअसल सुप्रीम कोर्ट मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का अटूट हिस्सा है या नहीं मामले की सुनवाई कर रही थी। मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भूषण और इस्‍माइल फारूकी की टीम ने साफ किया इस्‍माइल फारूकी के फैसले पर दोबारा विचार की जरूरत नहीं है साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 29 अक्‍टूबर में राम मंदिर मामले पर सुनवाई शुरू होगी।

दरअसल, राम जन्मभूमि मामले में 1994 के इस्माइल फारुकी के फैसले पर पुनर्विचार के लिए मामले को संविधान पीठ भेजने की मांग वाली मुस्लिम पक्षों की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। तीन जजों की बेंच में से सबसे पहले चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा व जस्टिस अशोक भूषण ने संयुक्त फैसला सुनाते हुए कहा कि पुराना फैसला उस वक्‍त के तथ्‍यों के मुताबिक था। इस्‍माइल फारूकी का फैसला मस्जिद की जमीन के मामले में था। जस्टिस भूषण ने कहा कि फैसले में दो राय, एक मेरी और एक चीफ जस्टिस की, दूसरी जस्टिस नजीर की। मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्‍लाम का अटूट हिस्‍सा नहीं। पूरे मामले को बड़ी बेंच में नहीं भेजा जाएगा। इस्‍माइल फारूकी के फैसले पर दोबारा विचार की जरूरत नहीं। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 29 अक्‍टूबर में राम मंदिर मामले पर सुनवाई शुरू होगी।

दरअसल 1994 का यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मुख्य विवाद राम मंदिर बाबरी मस्जिद से अलग है लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से उससे जुड़ा भी है। इस्माइल फारूकी ने अयोध्या में भूमि अधिग्रहण को चुनौती दी थी जिस पर सुनवाई करते हुए शीर्ष न्यायालय ने कहा था कि नमाज पढ़ना मस्जिद का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। मुस्लिम समुदाय इससे सहमत नहीं है और वह चाहता है कि सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले पर दोबारा से विचार करे। मुस्लिम समुदाय यह भी चाहता है कि मुख्य मामले से पहले 1994 के इस फैसले पर सुनवाई हो। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया।

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