2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में सभी आरोपी बरी , आरोप साबित नहीं कर पाई CBI
नई दिल्ली: बहुचर्चित टूजी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले पर पटियाला हाउस कोर्ट की स्पेशल कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। अभियोजन कोर्ट के समक्ष आरोप साबित करने में विफल रहा। अदालत ने इस मामले में अन्य 15 आरोपियों और तीन कंपनियों को भी बरी कर दिया है. कोर्ट का फैसला सुनकर कनिमोई रो पड़ीं और बोलीं, मैं उन सभी लोगों को धन्यवाद कहना चाहूंगी जो मेरे साथ खड़े रहे. वहीं ए राजा ने कहा कि मैं इस फैसले से बहुत खुश हूं. पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा कि खराब नीयत से आरोप लगाए गए थे और ये सारे आरोप राजनीतिक प्रोपेगेंडा था. उन्होंने कहा कि यूपीए-1 के खिलाफ यह साजिश थी.
जानिये क्या था 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला , ए राजा ,कनिमोझी समेत कौन कौन थे आरोपी ?
कपिल सिब्बल ने कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन पर हमारा ‘जीरो लॉस’ का दावा सिद्ध हो गया और ये मामला संसद में उठाएंगे. कोर्ट के फैसले के बाहर समर्थकों में उत्साह देखा गया और लोगों ने पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर आतिशबाजी भी की.
उन्होंने कहा कि आज मेरी बात सिद्घ हो गई है कि कोई करप्शन और कोई घाटा नहीं था. अगर घोटाला है तो झूठ का स्कैम है. विपक्ष और विनोद राय के झूठ का है. वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा कि अगर सरकार के पास पक्के सबूत हैं तो उसे यह मामला उच्च अदालत में ले जाना चाहिए.
बता दें कि दूरसंचार विभाग के पूर्व सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, राजा के पूर्व निजी सचिव आर. के. चंदोलिया, स्वान टेलीकॉम के प्रोमोटर्स शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका, यूनिटेक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय चन्द्रा और रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (आरएडीएजी) के तीन शीर्ष कार्यकारी अधिकारी गौतम दोशी, सुरेन्द्र पिपारा और हरी नायर समेत कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक आसिफ बलवा और राजीव अग्रवाल, कलैग्नार टीवी के निदेशक शरद कुमार और बॉलीवुड फिल्म निर्माता करीम मोरानी भी इस मामले में बरी हुए हैं.
आप को बता दे , सुनवाई के दौरान पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा ने टूजी अलॉटमेंट की तुलना चीन से युद्ध के समय बिजली आपूर्ति के नियम में किए गए अचानक बदलाव से की थी। टू-जी घोटाले का ट्रायल पिछले छह साल से रोजाना चल रहा था। टू-जी घोटाला यूपीए सरकार के दौरान हुआ था। जिस समय ए राजा केंद्रीय दूरसंचार मंत्री थे।