नई दिल्ली, 18 जनवरी= संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को जारी अपनी रिपोर्ट ‘यूएन वर्ल्ड इकॉनामिक सिचुएशन एंड प्रॉस्पेक्ट्स-2017’ में दक्षिण एशिया क्षेत्र में आर्थिक विकास की दर को दुनिया के दूसरे क्षेत्रों से ज्यादा बताया है। वहीं भारतीय अर्थव्यवस्था को दुनिया की सबसे तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बताया है।
रिपोर्ट के मुताबिक साल 2016 में दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय विकास दर का 6.7 फीसदी रहने का अनुमान रखा गया, जिसकी साल 2017-18 में बढ़कर 6.9 फीसदी रहने की संभावना है, जो दक्षिण एशिया में बढ़ती खपत, निवेश में आशान्वित वृध्दि, सकारात्मक आर्थिक वातावरण के चलते संभव होगा।
रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक विकास दर साल 2016 में 2.2 फीसदी रही, जो 2009 की वैश्विक मंदी के बाद सबसे कम थी। इसी तरह साल 2017 में वैश्विक विकास दर 2.7 फीसदी और साल 2019 में 2.9 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है। जो वैश्विक अार्थिक स्थिरता की ओर संकेत करती है। साथ ही आने वाले दिनों में विकास दर में बेहतर बढ़त की ओर इशारा करती है।
यूएन रिपोर्ट के मुताबिक भारत दुनिया की सबसे तेजी से आर्थिक विकास करती अर्थव्यवस्थाओं में से है। 2017 में भारत की विकास दर 7.7 फीसदी और साल 2018 में 7.6 फीसदी रहने का अनुमान है, जो भारत में निजी खपत में बढ़त, निवेश में बढ़ोतरी, मौद्रिक सरलता, आधारभूत संरचना को लेकर सरकार के प्रयास, पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप प्रोजेक्ट्स और घरेलू सुधारों के चलते संभव हुआ है।
‘यूएन वर्ल्ड इकॉनामिक सिचुएशन एंड प्रॉस्पेक्ट्स रिपोर्ट’ संयुक्त राष्ट्र का वैश्विक अर्थव्यवस्था के वार्षिक प्रवृत्तियों पर प्रमुख प्रकाशन होता है, जिसे यूएन आर्थिक एवं सामाजिक विभाग, अंकटाड, यूएन वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गेनाइजेशन और यूएन के पांच क्षेत्रीय आयोग मिलकर तैयार करते हैं।