नई दिल्ली (ईएमएस)। केंद्र सरकार ने दावा किया है कि भारत दुनिया का पहला देश होगा जिसमें जीवन स्तर को बेहतर बनाने वाली सुविधाएं मुहैया कराने वाले 100 स्मार्ट शहर एक साथ विकसित किए गए हों।
चौथे स्मार्ट सिटी इंडिया एक्सपो 2018 के उद्घाटन समारोह में शहरी विकास सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने कहा कि विश्व के अन्य देशों में अब तक दो से लेकर दर्जन भर शहरों को स्मार्ट सिटी के वैश्विक मानकों पर विकसित किया है, लेकिन भारत में एक साथ 100 शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने की केंद्र सरकार की यह पहल वैश्विक उपलब्धि होगी। स्मार्ट सिटी के बारे में व्याप्त भ्रांतियों को स्पष्ट करते हुए मिश्रा ने कहा कि स्मार्ट शहर को सूचना और संचार तकनीक से लैस शहर के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए बल्कि अंतरराष्ट्रीय मानकों के मुताबिक स्मार्ट शहर में तकनीक की मदद से सामान्य जनजीवन को सुविधायुक्त बनाना इसका मुख्य मकसद है। इस दौरान स्वाथ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी चौबे और उद्योग राज्य मंत्री सीआर चौधरी ने स्वास्थ्य एवं कारोबारी सहूलियतों को स्मार्ट सिटी परियोजना की रीढ़ बताते हुए कहा कि उनके मंत्रालय इस अभियान में अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित कर रहे हैं।
चौबे ने कहा कि समृद्ध भारत का मार्ग स्वच्छ भारत से शुरु होकर स्वस्थ भारत से होते हुए श्रेष्ठ भारत तक जाएगा। इस अवसर पर इजरायल के भारत में राजदूत डेनियल कारमन ने बढ़ते शहरीकरण के मद्देनजर पानी, बिजली, सड़क और परिवहन को वैश्विक चुनौती बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि भारत में स्मार्ट सिटी जैसे व्यापक अभियान इन चिंताओं और चुनौतियों के समाधान प्रस्तुत करेंगे। उल्लेखनीय है कि स्मार्ट सिटी परियोजना में इजरायल सबसे अहम भागीदार देश है। मिश्रा ने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए 3 अभियान (स्वच्छ भारत मिशन, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन और सभी के लिए आवास) स्मार्ट सिटी मिशन के सकारात्मक परिणाम के मुख्य आधार हैं। यह अभियान सिर्फ 100 शहरों तक सीमित नहीं रहेगा। इसे आगे बढ़ाए हुए देश के 500 शहरों को चिन्हित किया है।