10 साल से की जा रही है बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग : नीतीश कुमार
पटना (ईएमएस)। एनडीए की सहयोगी पार्टी जदयू ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने पर अपनी चुप्पी तोड़ दी है। नीतीश कुमार ने कहा, हम पिछले 10 साल से बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे हैं और इस मुद्दे को छोड़ेंगे नहीं। हम इस मुद्दे पर चुप नहीं हैं। लेकिन हम रोज इसके बारे में बात नहीं करना चाहते। इस मौके पर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के नरेंद्र सिंह नीतीश कुमार की मौजूदगी में जेडीयू में शामिल हुए। इससे पहले केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने भी माना था कि केंद्र सरकार और भाजपा की अल्पसंख्यक विरोधी खासकर मुस्लिम विरोधी छवि सुधारने की जरूरत है। उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार के बारे में यह भ्रम फैलाया गया कि वह अल्पसंख्यक और मुस्लिम विरोधी सरकार है।
सरकार को अपनी नीति में बदलाव की भले जरूरत न हो, लेकिन उसे अपने बारे में बनी धारणा को बदलना होगा। उन्होंने कहा था कि सरकार को और विनम्र होकर काम करने की जरूरत है। जब उनसे केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उन बयानों के बारे में पूछा गया कि वह ईद न मनाने की बात करते हैं, तब पासवान ने कहा था कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि संविधान मेरा धर्म है और वह संविधान, सोशल जस्टिस और सेक्युलरिजम के लिए प्रतिबद्ध हैं, तो अन्य नेताओं की बात को नहीं सुना जाना चाहिए। लेकिन भाजपा के लोगों को इस विषय पर मंथन करना होगा कि उनके बारे में समाज में जो धारणा है, वह क्यों है।
पासवान ने जहां बिहार में राजद की जीत को लालू के प्रति सहानुभूति बताया था, तो उत्तर प्रदेश के बारे में यह कहा था कि भाजपा वहां की सोशल बनावट को ध्यान में नहीं रख पाई। पासवान ने कहा था कि लोगों को भूलना नहीं चाहिए कि बिहार और उत्तर प्रदेश में जातीय समीकरण विकास पर हमेशा भारी पड़ता है।