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10वीं की छात्रा जाह्नवी ने खुली बहस के लिए कन्हैया को दी चुनौती,

लुधियाना, 10वीं में पढ़ने वाली स्कूली छात्रा जाह्नवी बहल ने जेएनयू के पीएचडी के छात्र एवं छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को अभिव्यक्ति की आज़ादी पर खुले में बहस के लिए ललकारा है।

पंजाब के लुधियाना की रहने वाली 15 साल की जाह्नवी ने कन्हैया को अभिव्यक्ति की आज़ादी का दुरूपयोग करने से मना किया है। जाह्नवी ने कहा है की अभिव्यक्ति की आज़ादी होने का मतलब कुछ भी कहना नहीं होता है। उन्होंने कन्हैया को इस मुद्दे पर बहस करने के लिए भी कहा है। दरअसल 9 फरवरी को देश की राजधानी दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में लगे देशद्रोही नारों से जान्हवी नाराज हैं।

जाह्नवी ने कन्हैया से देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ अपशब्द इस्तेमाल ना करने की अपील की है। और उन्हें कुछ भी बोलने से पहले सोचने की हिदायत भी दी है। जाह्नवी ने कहा है की प्रधानमंत्री देश की जनता द्वारा चुना जाता है और देश का प्रतिनिधि होता है। और हम सबको इस पद और उसकी गरिमा का सम्मान करना चाहिए।

जाह्नवी ने कहा की संविधान हम सबको बोलने की आज़ादी देता है मगर इसका ये मतलब नहीं की हम उसका गलत इस्तेमाल करें। अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर जेएनयू में जो कुछ भी हुआ वो कोई भी भारतीय बरदाश्त नहीं कर सकता है। एक तरफ जहाँ देश के सैनिक सीमा पर शहीद हो रहे हैं वहीँ राजधानी के इतने बड़े विश्वविद्यालय में देशद्रोही नारों को बर्दास्त नहीं किया जा सकता है।

वहीँ उन्होंने छात्रसंघ के नेता को अपने राजनीतिक लाभ के लिए प्रधानमंत्री को अपशब्द कहने और कीचड़ उछालने से मना किया है। और कहा है की इससे विश्व में देश की छवि ख़राब होती है।

कौन हैं जाह्नवी?
जाह्नवी लुधियाना के भाई रणधीर सिंह नगर स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल की 10वीं की छात्रा हैं। वो स्वयंसेवी संस्था रक्षा ज्योति फाउंडेशन की सदश्य भी है। इन्हें इसी साल गणतंत्र दिवस पर इनके द्वारा किये जा रहे सामाजिक कार्यों के लिए सम्मानित किया गया था। जाह्नवी स्वच्छ भारत अभियान से भी सक्रिय रूप से जुडी हुयी हैं। 2014 में जाह्नवी ने बच्चों को शराब और तम्बाकू बेचने वाले दुकानों पर स्टिंग ऑपरेशन भी किया था। हाल ही में जाह्नवी ने सोशल मीडिया पर चल रही पोर्न सामग्रियों के खिलाफ पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी। जिसके लिए वो खुद कोर्ट में अपने स्कूल ड्रेस में पेश हुयी थी।

क्या हुआ था जेएनयू में?
इसी साल 9 फरवरी को दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के वामपंथी छात्रों ने आतंकी अफज़ल गुरु की शहादत दिवस का आयोजन किया था। इस दौरान वहां देश विरोधी नारे लगाये थे। जिसके बाद जेएनयू के छात्रसंघ के नेता कन्हैया कुमार और उमर खालिद सहित चार छात्रों पर देशद्रोह का मुक़दमा दर्ज कर के उन्हें गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में दो दिन पहले ही कन्हैया को कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ 6 महीने के लिए जमानत दी है।

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