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हॉर्मोंस में बदलाव के कारण भी अनियमित होते हैं पीरियड

आम तौर पर पीरियड्स के दौरान महिलाओं को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है पर सबसे ज्यादा समस्या इनके अनियमित होने की वजह से होती है। पीरियड्स अगर समय पर ना हों तो मन कई तरह की आशंकाओं से भर जाता है। आपको एहसास होता है कि शरीर में सबकुछ ठीक नहीं है। सामान्य तौर पर पीरियड नहीं होने को गर्भवती होने से जोड़ा जाता है पर यह पूरी तरह सही नहीं है। कई बार बीमारियों के कारण भी ऐसा होता है।

पीरियड्स में होता है तेज दर्द, ना समझे मामूली
दरअसल पीरियड्स में गड़बड़ी बहुत से हॉर्मोंस में बदलाव के कारण होता है लेकिन महिलाएं अक्सर अनियमित पीरियड्स की वजह गर्भवती होना समझती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार अगर कोई महिला तीन महीने में अपना एक पीरियड मिस कर देती है तो उसे गंभीर समस्या हो सकती है। इसके अलावा कामकाज और वातावरण के माहौल का भी पीरियड्स पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए तत्काल जांच करानी चाहिये। ऐसे में अगर कोई बिमारी है तो समय पर इलाज हो सकता है।

तनाव-
तनाव की वजह से पीरियड्स पर फर्क पड़ता है। अगर आप तनाव ज्यादा लेती हैं तो इसका असर आपके हॉर्मोंस पर पड़ता है और पीरियड्स होने में देरी होती है।

शरीर का कम वजन-
अनियमित पीरियड्स का होना आपके शरीर के वजन पर भी निर्भर करता है। अगर आपका वजन बहुत कम है तो भी आपके पीरियड्स में अनियमितता हो सकती है।

अधिक व्यायाम-
व्यायाम करना शरीर के लिए हमेशा फायदेमंद रहता है पर जरूरत से ज्यादा व्यायाम करने पर भी हॉर्मोंस पर असर पड़ता है और पीरियड्स मिस हो सकते हैं।

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम-
जीवनशैली में बदलाव होने के कारण आजकल महिलाएं पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम नाम की बीमारी की शिकार हो रही हैं। इसके चलते भी महिलाओं को अक्सर अनियमित पीरियड्स की समस्या बनी रहती है। ना सिर्फ पीरियड्स बल्कि इस बीमारी के कारण महिलाओं में वजन बढ़ने, बाल झड़ने, चेहरे पर दाग-धब्बे जैसी परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है।

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