हड़ताल खत्म होने के बाद भी डॉक्टर काम से रहे दूर
Maharashtra.मुंबई, 24 मार्च = मार्ड ने गुरुवार की शाम को डॉक्टरों की हड़ताल को समाप्त करने का ऐलान किया, लेकिन इस ऐलान के बाद भी शुक्रवार को डॉक्टर काम पर नहीं लौटे थे। हालांकि मार्ड ने डॉक्टरों से काम पर आने का आहवान किया है। पर हड़ताली डॉक्टर पूरी सुरक्षा मिलने के पहले काम पर लौटने को तैयार नहीं हैं।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में धुलिया और मुंबई सहित अन्य जिलों में डॉक्टरों पर हमले की कई घटनाएं घटित होने पर निवासी डॉक्टर अपनी सुरक्षा की मांग को लेक र हड़ताल पर चले गए और हड़ताल के चौथे दिन, गुरुवार को प्राइवेट डॉक्टर भी हड़ताली डॉक्टरों के समर्थन में क्लिनिक बंद कर दिए थे।
उल्लेखनीय तथ्य तो यह है कि मंगलवार को हाईकोर्ट ने हड़ताली डॉक्टरों को जमकर फटकारा था और गुरुवार को उन्हें काम पर लौट आने का आदेश दिया। सरकार ने भी गुरुवार को डॉक्टरों को पूर्ण सुरक्षा देने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में डॉक्टरों की सुरक्षा पर प्रस्ताव पेश करते हुए उनसे काम पर लौट आने को कहा था। इसके पहले वैद्यकीय मंत्री गिरीश महाजन ने हडताली डॉक्टरों को चेतावनी देते हुए कहा था कि वे काम पर लौट आएं, नहीं तो छह महीने का वेतन काट लिया जाएगा।
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अस्पताल प्रशासन ने तो राज्यभर के डॉक्टरों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई करना शुरु कर दिया था, पर डॉक्टर अपनी भूमिका पर अडे रहे। गुरुवार की शाम को मार्ड ने हडताल समाप्त करने का ऐलान करते हुए डॉक्टरों से अपील की है कि वे काम पर लौट आएं। डॉक्टर अभी भी काम पर नहीं लौटे हैं। लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि डॉक्टर शीघ्र ही काम पर लौटेंगे।
मार्ड का कहना है कि निवासी डॉक्टरों का अवकाश का व्यक्तिगत निर्णय था। इसलिए हम निवासी डॉक्टरों से काम पर आने का आहवान कर रहे हैं। मार्ड की अपील पर सवाल उठता है कि जब अवकाश पर जाने का डॉक्टरों का व्यक्तिगत निर्णय था तो उनके समर्थन में निजी डॉक्टर क्लिनिक बंद करके विरोध करने क्यों उतरे थे?