स्वच्छता सूची में यूपी का गोंडा शहर सबसे गंदा , बनारस 32वें स्थान पर,
वाराणसी, 04 मई (हि.स.)। स्वच्छ भारत अभियान में देश के गंदे शहरों में शुमार धर्म नगरी वाराणसी ने इस बार लम्बी छलांग लगाई है। गुरुवार को शहरी विकास मंत्रालय की ओर से जारी देश के स्वच्छ शहरों की सूची में वाराणसी को 32 वां स्थान मिला है। पूरे उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र स्वच्छ शहरों में अव्वल है।
शहर को स्वच्छ बनाने की शुरुआत करने के लिए यहां के सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद असीघाट पर जमा मिट्टी हटाने के लिए फावड़ा चलाया था। असीघाट स्थित जगन्नाथ मंदिर के निकट खुद झाड़ू लगाकर स्वच्छता अभियान का नजीर पेश की थी। इसके बाद भाजपा के लगभग हर कैबिनेट मंत्री और स्वच्छता के नौ रत्नों ने अभियान को आग बढ़ाया लेकिन यह अभियान सिर्फ फोटो सेशन तक ही सिमटा रहा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार इसके लिए गम्भीर बने रहे। रेडियो पर मन की बात और अन्य कार्यक्रमों में लगातार इसके लिए अलख जगाते रहे। उनके लगातार प्रयास के बाद सामाजिक संस्थाएं और नागरिक,स्वयं सेवी संगठनों के साथ नगर निगम महापौर भी इस अभियान को आगे बढ़ाते रहे। अभियान में वाराणसी परिक्षेत्र के कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण और पूर्व जिलाधिकारी विजय किरन आनंद की भूमिका भी बेहद महत्वपूर्ण रही।
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देश के पांच सौ शहरों के बीच बीते वर्ष के दिसंबर माह से फरवरी के बीच कराए गए स्वच्छता सर्वेक्षण के आधार पर केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने आज परिणाम घोषित किया। स्वच्छता सर्वे में यूपी के 62 शहरों को शामिल किया गया था लेकिन कोई भी शहर पहले 30 स्थानों में शामिल नहीं हो सका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्ष्ोत्र वाराणसी रैंकिंग में काफी सुधारकर 32वें नंबर पर है। सूची में अलीगढ़ को 145वां, झांसी को 166वां, कानपुर को 175वां, सहारनपुर को 245, जौनपुर को 246वां, इलाहाबाद को 247वां, लखनऊ को 269, मेरठ को 339 वां, सुल्तानपुर को 309वां, गाजियाबाद को 351वां, बलिया को 361वां, मिर्जापुर को 389 वां, आजमगढ़ को 398वां, गाजीपुर को 413वां, उन्नाव को 417वां, हापुड़ को 424वां, हरदोई को 431वां, गोंडा को 434वां स्थान मिला है। यूपी का सबसे गंदा शहर गोंडा बन गया है।
नगर आयुक्त हरिप्रताप शाही की माने तो नगर निगम ने स्वच्छता की दिशा में सजगता काफी दिखाई है। शहर के 90 वार्ड में घर-घर कूड़ा उठान, करसड़ा स्थित ठोस कचरा प्रसंस्करण प्लांट संचालन, रात को सफाई, शौचालयों व यूरिनल की उपलब्धता, शुद्ध पेयजल, घाटों की विशेष सफाई, स्वच्छता के लिए जागरुकता अभियान इस दिशा में ठोस कदम है।