सुलझने के करीब पहुंच चुका गौरी लंकेश हत्याकांड मामला: एसआईटी
– एसआईटी की बड़ी चुनौती वह हथियार बरामद करने की है जिससे हत्या की गई थी
नई दिल्ली (ईएमएस)। वामपंथी लेखक और पत्रकार गौरी लंकेश हत्याकांड में परशुराम वाघमारे को गिरफ्तार करने के साथ ही कर्नाटक पुलिस की एसआईटी का मानना है कि वो इस मामले को सुलझाने के करीब पहुंच गई है। इस मामले में अभी तक 6 आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है और उनमें से परशुराम वाघमारे, अमोल काले और प्रवीण कुमार की भूमिका इस हत्याकांड में अहम मानी जा रही है। तक़रीबन 26 साल का वाघमारे एसआईटी की 14 दिनों की हिरासत में है। ये गौरी लंकेश हत्याकांड में छठी गिरफ्तारी है।
छह संदिग्धों में से तीन वाघमारे, प्रवीण और काले की इस हत्याकांड में क्या भूमिका थी। हालांकि एसआईटी ने आधिकारिक तौर पर नवीन कुमार के अलावा और किसी के बारे में बयान नहीं दिया है लेकिन कहा जा रहा है कि वाघमारे ने गौरी लंकेश पर गोली चलाई और वो वारदात वाले दिन 5 सितम्बर से काफ़ी पहले से बेंगलुरु में रह रहा था। वहीं उसके पिता का कहना है कि वाघमारे बेंगलुरु कभी गया ही नहीं। दूसरा नाम प्रवीण का है जिसने नवीन कुमार को गौरी लंकेश की हत्या करने के लिए कहा क्योंकि उसकी नज़र में गौरी लंकेश हिन्दू विरोधी थी।
बताया जा रहा है कि वाघमारे और प्रवीण के बाद तीसरा नाम विपुल काले का है जिसे महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया है। हिन्दू संगठनों के वकील एच वीरेंद्र ने कहा कि पुलिस ने नवीन से जुड़ी चार्जशीट फ़ाइल की किसी न किसी और को शामिल करना ही था। इसी लिए काले को बलि का बकरा बनाया। अब एसआईटी की सबसे बड़ी चुनौती उस हथियार को बरामद करने की है जिससे गौरी लंकेश की हत्या की गई थी।
बताया जा रहा है कि संदिग्ध हत्यारों की हिट लिस्ट में चर्चित फिल्म एवं रंगमंच हस्ती गिरीश कर्नाड, कई साहित्यकार और तर्कवादी शामिल थे। गौरी लंकेश हत्याकांड की जांच कर रही एसआईटी के सूत्रों ने कहा कि सूची में कर्नाड के अलावा ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता साहित्यकार बी टी ललिता नाइक, निदुमामिडी मठ के प्रमुख वीरभद्र चन्नामल्ला स्वामी और तर्कवादी सी एस द्वारकानाथ शामिल थे। विशेष जांच दल (एसआईटी) ने संदिग्धों के पास से एक डायरी बरामद हुई है जिसमें हिन्दी भाषा में नाम दर्ज हैं। सूत्रों ने बताया कि डायरी में इन हस्तियों के नाम दर्ज हैं जिन्हें निशाना बनाया जाना था।