नई दिल्ली, 21 अप्रैल = सुप्रीम कोर्ट ने अपने पति से अलग हो चुकी एक महिला के गुजारे के लिए पति की आय का पच्चीस फीसदी रकम को पर्याप्त माना । जस्टिस आर भानुमति की अध्यक्षता वाली बेंच ने पश्चिम बंगाल के हुगली के एक व्यक्ति की याचिका पर फैसला सुनाते हुए ये आदेश दिया ।
मामला कुछ इस प्रकार हैं .
दरअसल पति की आय 95 हजार रुपये प्रतिमाह से अधिक है और कोलकाता हाईकोर्ट ने गुजारा भत्ता 23 हजार रुपये की रकम तय की । उस व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर करते हुए मांग की कि ये गुजारा भत्ता बहुत ज्यादा है । सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गुजारे के लिए पच्चीस फीसदी की रकम पर्याप्त है । लेकिन इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता पति की दूसरी शादी को देखते हुए उसके नए परिवार के लिए बढ़े खर्च को ध्यान में रखते हुए ये रकम बीस हजार रुपये कर दी ।
नजीब मामले में दिल्ली पुलिस को हाईकोर्ट ने दिया आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोलकाता हाईकोर्ट का फैसला बिल्कुल सही है ।
दोनों पति पत्नी 2003 से कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं । जिला अदालत ने साढ़े चार हजार रुपये का गुजारा भत्ता तय किया था । हाईकोर्ट ने 2015 में सोलह हजार रुपये गुजारा भत्ता तय किया लेकिन 2016 में इसे बढ़ाकर तेईस हजार रुपये कर दिया था।