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देहरादून, 19 जुलाई : बुधवार को सचिवालय में सहकारिता सहभागिता की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्म शताब्दी वर्ष को गरीब कल्याण वर्ष के रूप में मना रही है। आगामी 25 सितंबर को लघु सीमांत तथा बीपीएल किसानों को एक लाख तक के फसली ऋण दो प्रतिशत ब्याज पर दिए जाने की योजना शुरू की जाएगी तथा राज्य में सहकारिता सहभागिता तथा सहकारी बैंकों को मजबूत करने के लिए राज्य सहकारी बैंकों को विभागों द्वारा 1000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि सहकारी बैंकों द्वारा 114 माइक्रो एटीएम का संचालन आरंभ किया जाएगा। सहकारिता सहभागिता योजनान्तर्गत वितरित ऋणों के ब्याज पर 8973.87 लाख रुपये के प्रतिपूर्ति का 50 प्रतिशत लाभ में चल रहे सहकारी बैंको के तथा 50 प्रतिशत धनराशि राज्य सरकार द्वारा प्रतिपूर्ति की जाएगी। सहकारी बैकों के एनपीए का समाधान शीघ्र किया जाएगा।
समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने निर्देश दिए की सहकारी बैंकों के सभी खाते एक महीने का विशेष अभियान चलाकर ऑनलाइन किए जाएं तथा बैंकों को अपने बोर्ड ऑफ गवर्नेंस तथा कार्यकारी तंत्र में प्रोफेशनलिज्म तथा पारदर्शिता अपनानी होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि आवश्यकता पड़ने पर थर्ड पार्टी आॅडिट करवाया जाए।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने पदाधिकारियों से उपस्थित सहकारी बैंको के पदाधिकारियों से बैंको की वित्तीय स्थिती की अद्यतन जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने बैंक पदाधिकारियों को स्पष्ट किया कि सहकारी बैंको को बैंकिंग में प्रोफेशनिल्जम लाना होगा। राज्य में सहाकारिता मजबूत है। सहकारी बैंको को इस बात का विशेष ध्यान देना है कि बैंक लघु किसानों, छोटे उद्यमियों आदि बीज में अपना धन लगाएं। सहकारिता के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुधारना होगा। मास्टर प्लान के अन्तर्गत कृषि गतिविधियों को प्रोत्साहित करने वाले सभी संस्थाओं, सरकारी तथा गैर सरकारी संगठनों तथा विभागों के प्रयासों व योजनाओं को इन्टिग्रेटेड किया जाएगा।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कृषि आधारित किसी भी गतिविधि, औषधीय व सुगन्धित पौधों की खेती, पशुपालन, मत्सय पालन, कृषि उत्पादों के उत्पादन, प्रसंस्करण, मार्केटिंग आदि को प्रोत्साहन देने में सहकारिता सहभागिता की महत्वपूर्ण भूमिका है।
बैठक में सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि सहकारिता मंत्री सहित सहकारिता विभाग, समिति व संगठनों के सभी अधिकारियों, कार्मिकों तथा सदस्यों के खाते सहकारिता बैंको में खोले जाएंगे।