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साइबर स्पेस को आतंक और चरमपंथ से बचाना होगा : PM मोदी

नई दिल्ली, 23 नवम्बर :  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को यहां कहा कि दुनिया के सभी देशों को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा की साइबर स्पेस (डिजिटल दुनिया) का इस्तेमाल चरमपंथियों और आतंकियों द्वारा न हो। उन्होंने कहा कि बदलते परिदृश्य में खतरे को भांपते हुए देशों के बीच सुरक्षा एजेंसियों का आपस में सूचना साझा करना और समन्वय आवश्यक है। 

गुरुवार को साइबर स्पेस पर आयोजित पांचवें वैश्विक सम्मेलन के उद्घाटन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ‘‘यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी राष्ट्रों को लेनी चाहिए कि आतंकवाद और कट्टरता के स्याह शक्तियां डिजिटल दुनिया को एक खेल का मैदान की तरह इस्तेमाल न करें ।’’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में चल रही गोपनीयता और राष्ट्रीय सुरक्षा की बहस पर एक संतुलित नज़रिया अपनाने की वकालत की। उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित रूप से, हमें एक तरफ गोपनीयता व खुलेपन और दूसरी ओर राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच एक संतुलन बनाकर चलना होगा। हम सब मिलकर, एक तरफ वैश्विक व खुली व्यवस्था और दूसरी तरफ राष्ट्र-विशिष्ट कानूनी आवश्यकताओं के बीच के अंतर को दूर कर सकते हैं।’’

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया ने आज साइबर स्पेस में सबकी भागीदारी सुनिश्चित की है। एक टीवी स्टूडियो में बैठे विशेषज्ञ के साथ सोशल मीडिया में लोगों के अनुभवों को भी महत्व दिया जा रहा है| यह सब साइबर स्पेस के चलते सम्भव हो पाया है। उन्होंने कहा कि इंटरनेट लोगों को अपने साथ जोड़ता है।

उन्होंने कहा कि साइबर स्पेस नवाचार को आगे बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभा रहा है। इसके चलते नए स्टार्टअप आगे आकर लोगों की रोजमर्रा की समस्या और उनके जीवन को बेहतर बना रहे है। उन्हें लगता है कि दुनिया को इसका महत्व समझ में आएगा और वह इस क्षेत्र की संभावना का लाभ उठाएंगे। 

उन्होंने कहा कि वह स्वयं इसका लाभ उठा रहे हैं| नरेन्द्र मोदी ऐप के माध्यम से लोगों से जुड़कर उनके सुझाव और शिकायतें जान रहे हैं। उन्हें आशा है कि देश के लोगों के नवाचार के विचार आने वाले समय मे बहुत काम आएंगे और देश को नई ऊंचाई पर ले जायंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार जनभागीदारी सुनिश्चित करने के लिये साइबर स्पेस का इस्तेमाल कर रही है। देश की जनता धीरे-धीरे डिजिटल माध्यम से लेन-देन कर रही है और सरकार ने उन्हें सुविधा देने के लिए भीम ऐप भी तैयार की है। इससे लेन-देन आसान और भ्रष्टाचार मुक्त होता जा रहा है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने ‘उमंग’ मोबाइल एप भी लॉन्च किया जिसके जरिए लोग केंद्र तथा राज्य सरकारों की एक सौ सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे। इसके अलावा उन्होंने दो इंडिया और एक कैफी टेबल पुस्तक का भी लोकार्पण किया। सम्मेलन को सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद तथा श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंधे ने भी संबोधित किया।

साइबर स्पेस और संबंधित विषयों पर भारत पहली बार वैश्विक सम्मेलन आयोजित कर रहा है जिसका उद्‌घाटन आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया। इसके समापन समारोह में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भाषण देंगी।

दो दिनों का यह सम्मेलन दिल्ली के ऐयरो सिटी में आयोजित किया जा रहा है। यह विश्वभर में आयोजित पांचवां सम्मेलन है, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय नेता, नीति निर्माता, उद्योग विशेषज्ञ, बड़े विचारक और साइबर विशेषज्ञ साइबर स्पेस के उपयोग और चुनौतियों पर विचार-विमर्श करेंगे।

साइबर स्पेस पर वैश्विक सम्मे‍लन पहले के सम्मेलनों से चार गुना बड़ा है। नीदरलैंड में हुए पिछले सम्मेलन में 1800 प्रतिनिधि शामिल हुए थे। इस सम्मेलन में 10,000 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। दुनिया के 2800 स्थानों से लोग इंटरऐक्टिव मोड में वर्चुअल भागीदारी कर रहे हैं। 
साइबर स्पेस पर वैश्विक सम्मेलन की शुरूआत लंदन में 2011 में हुई थी। दूसरा सम्मेलन 2012 में बूडापेस्ट में हुआ था, जिसमें इंटरनेट अधिकारों तथा इंटरनेट सुरक्षा के संबंध पर जोर दिया गया था। तीसरा सम्मेलन 2013 में सोल में और चौथा सम्मेलन 2015 में हेग, नीदरलैंड में हुआ था। (हि.स.)।

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