सहारनपुर हिंसा को लेकर राज्यसभा में हंगामा , मायावती ने दी इस्तीफे की धमकी
नई दिल्ली, 18 जुलाई : विपक्षी दलों के हंगामे के चलते राज्यसभा की बैठक 2 बजे तक स्थगित कर दी गई। सहारनपुर हिंसा को लेकर राज्यसभा में हंगामा हुआ| बसपा प्रमुख मायावती ने समेत अन्य विपक्षी दलों ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करते हुए वॉकआउट किया| मायावती ने इस्तीफे तक की धमकी दे डाली।
दरअसल राज्यसभा में बसपा प्रमुख मायावती ने सहारनपुर का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि सहारनपुर घटना केंद्र की साजिश थी। इसके बाद हंगामा होने लगा और मायावती ने उपसभापति को कहा, ‘आप मुझे बोलने नहीं देंगे तो मैं सदन से इस्तीफा दे देती हूं। ‘
मायावती ने सदन में अपनी आवाज दबाने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘लानत है अगर मैं अपने समाज और कमजोर वर्ग की बात सदन में नहीं रख सकती तो मुझे हाउस में रहने का कोई अधिकार नहीं।’ इतना ही नहीं उन्होंने भाजपा को दलित राष्ट्रपति उतारने को नौटंकी करार दिया है।
केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि मायावती इस वजह से सदन का बहिष्कार कर रही हैं क्योंकि वो अपनी हार से हताश हैं। नकवी ने कहा कि मायावती शुद्ध रूप से राजनीतिक बात कर रही हैं। इसके बाद मायावती गुस्से में सदन से बाहर चली गईं। इसके बाद विपक्ष के कई नेताओं ने जमकर हंगामा किया। आज के दिन संसद में दोनों ही पक्षों के लोग उपराष्ट्रपति पद के लिए अपने-अपने उम्मीदवार का नॉमिनेशन फाइल कर रहे हैं। सो इस हंगामे के जरिए एक बार फिर विपक्ष अपनी एकजुटता को दिखा रहा है| फिलहाल हंगामे की वजह से राज्यसभा दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस पार्टी ने भीड़ द्वारा लोगों की हत्या और मंदसौर में पुलिस द्वारा किसानों पर की गई फायरिंग के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव दे दिया है।
सत्र से एक दिन पहले सोमवार को कांग्रेस ने कहा कि वह सरकार से चीन के साथ जारी सीमा विवाद, कश्मीर में तनावपूर्ण स्थिति और गाय रक्षा के नाम पर भीड़ द्वारा हिंसा के मुद्दों पर जवाब मांगेगी।
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राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘सिक्किम में चीन के साथ सीमा को लेकर स्थिति बेहद तनावपूर्ण है। उन्होंने सीमा विवाद के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया।‘
गुलाम नबी आजाद कह चुके हैं कि हम भीड़ द्वारा हिंसा, किसानों की आत्महत्या के मद्देनजर कृषि संकट के मुद्दे उठाएंगे। आजाद ने कहा कि कांग्रेस सदन की कार्यवाही में व्यवधान डालने के पक्ष में नहीं है।