सरकार बदलते ही राम मंदिर को लेकर बदले आज़म खान के सुर , कहा धार्मिक लोग ही करा सकते हैं समझौता.
लखनऊ, 21 मार्च := कहते है समय से बड़ा कोई डॉक्टर नहीं है जो समय आने पर सभी बीमारियों का इलाज कर देता है .ठीक उसी प्रकार बदलते समय और UP में बदली हुई सरकार को देखते हुए राम मंदिर को लेकर आज़म खांन के बोल बदल गए है .
अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आज़म खां ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि धार्मिक गुरुओं ने इसकी शुरुआत की है। अच्छी बात यह है कि धार्मिक लोग और यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के समय इसकी शुरुआत हो रही है। धार्मिक लोग ही समझौता करा सकते हैं।
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आज़म ने तंज भरे अन्दाज में कहा कि उलेमा कौंसिल, दिल्ली के शाही इमाम और औवेसी विवाद को सुलझाने के लिए बात करें। इनकी इस्लामिक पालिटिकल पार्टी हैं तो यह बात करें। अगर ये लोग तैयार हैं तो जाहिर है कि हिन्दुस्तान के लोगों को कोई परेशानी नहीं है।
आज़म ने कहा कि ये उलेमा ही हैं, जिन्हें हिंदुस्तान के लोग और भाजपा जानती है। उन्होंने कहा कि ये लोग भाजपा के करीब भी हैं और इनके लिए उन्होने काम भी किया है। इनके बीच अगर समझौता होता है तो विचार करेंगे।
उधर रामलला विराजमान के वकील मदनमोहन पाण्डेय ने कहा कि हाईकोर्ट के तीन जज पहले ही मान चुके हैं कि मेक शिफ्ट स्ट्रक्चर रामलला का है। मेक शिफ्ट स्ट्रक्चर जमीन छोड़ना सम्भव नहीं है। मामले में सुप्रीम कोर्ट निर्देश नहीं दे सकती, केवल पहल कर सकती है। इसलिए दूसरे पक्ष के लिए विकल्प तलाशा जाना चाहिए। वहीं विश्व हिन्दू परिषद के प्रान्तीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने कहा कि बिना संसद में कानून बनाए मंदिर निर्माण नहीं हो सकता है।
वहीं भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि मा0 सर्वोच्च न्यायालय ने रामजन्म भूमि विवाद को अपसी बातचीत के जरिए सुलझाने की टिप्पणी करके स्वागत योग्य पहल की है। आशा है 31 मार्च तक बातचीत के जरिए राममंदिर निर्माण का अवरूद्ध मार्ग खुल जाएगा। त्रिपाठी ने कहा कि एएसआई द्वारा खुदाई में प्राप्त साक्ष्यों से रामजन्म भूमि का पक्ष पुष्ट है। यह विवाद का विषय नहीं है। करोड़ों करोड़ जनमानस की अपेक्षा के अनुरूप रामजन्म भूमि पर भव्य राम मंदिर के निर्माण से जन-गण-मन प्रफुल्लित होगा और यही भाजपा का संकल्प है।
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इसके अलावा कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष व मीडिया इंचार्ज सत्यदेव त्रिपाठी ने कहा कि इस प्रकरण में सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा आज दिये गये सुझाव कि दोनों पक्षों को मिलकर इस मसले का हल निकालना चाहिए का मैं स्वागत करता हूं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का शुरू से ही यही मानना था कि इस मसले का हल सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार होना चाहिए, यदि ऐसा न हो सके तो दोनों पक्षें को मिलजुलकर इसका रास्ता निकालना चाहिए ताकि दोनों पक्षों में से किसी पक्ष की न हार हो न जीत हो।