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सभी बोर्ड परिणामों में बिहार बोर्ड की स्थिति सबसे ख़राब , शिक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

नई दिल्ली, 30 मई = बिहार स्कूल एजुकेशन बोर्ड (बीएसईबी) 12वीं के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। बिहार बोर्ड में कुल मिलाकर 64 प्रतिशत छात्र फेल हो गए हैं, जिसमें 70 फीसदी साइंस स्ट्रीम, 63 प्रतिशत आर्ट्स और 26 फीसदी कॉमर्स के स्टूडेंट शामिल हैं। बिहार का ये परिणाम सबको चौंका रहा है जिसका कारण है कि अब तक जिन राज्यों में बोर्ड के परिणामों की घोषणा की गई है उनमें से बिहार की स्थिति बेहद ही खाराब है।

असम बोर्ड, उत्तराखंड बोर्ड, बंगाल बोर्ड, झारखंड, महाराष्ट्र बोर्ड – सभी से बिहार का परिणाम एकदम उलट है। महाराष्ट्र बोर्ड में 15,05,365 छात्रों ने परीक्षा दी जिसमें से 12,79,406 छात्र (89.5%) पास हुए हैं । झारखंड में 12वीं में साइंस में 52.36 फीसदी और कामर्स में 60.09 फीसदी बच्चों को सफलता हासिल हुई है। वहीं मैट्रिक में 57.91 फीसदी छात्र पास हुए।

इसके बाद उत्तराखंड बोर्ड रिजल्ट पर नजर डालें तो हाईस्कूल में 68.76 फीसदी छात्र और 78.5 फीसदी छात्राएं और इंटर में 75.56 फीसदी लड़के और 87.07 फीसदी लड़कियां पास हुईं। अगर इन आकड़ों को देखने के बाद बिहार के परिणाम पर ध्यान दे तो वहां परिणामों की दयनीय स्थिति नजर आती है। जिसमें विज्ञान विषय से परीक्षा देने वाले सिर्फ 30.11% छात्र ही पास हो पाए हैं। वहीं आर्ट्स में 37.13% और कॉमर्स में सबसे ज्यादा 73.76% छात्र पास हुए हैं।

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परिणाम से राज्य की शिक्षा व्यस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार परीक्षा परिणामों में बिहार बोर्ड के खराब प्रदर्शन को देखते हुए शिक्षा विभाग के बड़े अधिकारी इसका कारण कड़ाई से कॉपी जांच होना बता रहे हैं। पिछले साल रूबी राय नाम की लड़की को साल का टॉपर घोषित किया गया था। पर एक साक्षात्कार में वो पॉलिटिकल साइंस को सही तरह से उच्चारण भी नहीं कर सकी थी। जिसके बाद उसके टॉप करने पर सवाल खड़े हो गए थे। यहीं बिहार बोर्ड के शाख पर सवालिया निशान खड़े होने शुरू हो गये थे। जिसके बाद से लगातार बिहार बोर्ड ने सख्ती बरतनी शुरू कर दि थी और आज आये परिणाम को उसी नजर देखा जा रहा है।

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