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सडक सुरक्षा बैठक में एडीबी व हाईवे अधिकारी न पहुंचने पर डीएम हुए नाराज

गोपेश्वर, 15 जनवरी (हि.स.)। भारत सरकार एक ओर सीमा चौकी सड़क पहुंचाने और आॅल वेदर सड़क बनाने की योजना लेकर आई है। वहीं, सड़क से जुडे महत्वपूर्ण विभाग और अधिकारी सड़क सुरक्षा और यातायात के प्रति कितने संजीदा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस बैठक में एडीबी आपदा को कोई अधिकारी ही नहीं पहुंचा, जबकि हाइवे महकमे के अधिकारियों ने अपने प्रतिनिधि के रूप में जेई का भेज दिया। जिस पर जिलाधिकारी इतने नाराज हुए उन्होंने कनिष्ट अभियंता को बाहर का रास्ता दिखा दिया। बीआरओ जैसे महत्वपूर्ण विभाग के अधिकारी देर से पहुंचे। जिस पर जिलाधिकारी ने बैठक में अनुपस्थित विभागों से जबाव मांगा है। 

सोमवार को सुरक्षित यातायात व सड़क सुरक्षा को लेकर हुई बैठक में जिलाधिकारी ने सड़कों पर चिह्नित ब्लैक स्पाॅटों, डेंजर मोडों पर क्रैश बैरियर, पैराफीट, रिफ्लेक्टर तथा वाइट लाइन की मार्किंग करने के निर्देश दिए है। जिलाधिकारी ने वाहन चालकों को सीट बैल्ट लगाने की अनिवार्यता को सख्ती से लागू करने तथा इसकी शुरूवात सरकारी वाहन चालकों से करने के निर्देश एआरटीओ को दिये। गौचर सलियाणाबैंड तथा नंदप्रयाग-घाट मोटर मार्ग पर सड़क सुरक्षा के कार्यों को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने जिले में चिह्नित 65 संवेदनशील सड़क दुर्घटना स्थलों का भी भली-भांति परीक्षण करने एवं सुरक्षित यातायात के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। सड़कों का अधिकांश हिस्सा एनएच के पास होने के कारण जिलाधिकारी ने एनएच को जिले में सड़क सुरक्षा के लिए परामर्शदाता नियुक्त करने को कहा। जिलाधिकारी ने पुलिस एवं अस्पताल प्रशासन से कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशाुनसार सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति से किसी भी तरह की पूछताछ न की जाय, क्योंकि घायल को सर्व प्रथम उपचार की आवश्यकता होती है। 

पुलिस अधीक्षक तृप्ति भट्ट ने कहा कि सड़क किनारे ओएफसी केबिल बिछाने के लिए की जा रही खुदाई, पेड कटान से सड़क पर पडी लकडी तथा सड़कों पर पडे गढढे दुर्घटना को न्यौता दे रहे है। उन्होंने संबंधित विभागीय अधिकारियों को शीघ्र आवश्यक कार्यवाही करते हुए यातायात के लिए सड़क को सुचारु रखने के निर्देश दिए है। एआरटीओ पंकज श्रीवास्तव, एसडीएम योगेंद्र, एसडीएम सीएस डोभाल, एसडीएम केएन गोस्वामी, एसडीएम परमानंद राम, जिला शिक्षा अधिकारी आषुतोश भंडारी, तहसीलदार सुरेंद्र सिंह रांगड आदि मौजूद थे। 

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