सच बात कहने पर मुझे कहा जा रहा राष्ट्रद्रोहीः सांसद डाॅ. भोला सिंह
नावकोठी, मो.आज़ाद
बेगूसराय (नावकोठी)- पूरा मंझौल अनुमंडल क्षेत्र कभी लाल धरती कहलाता था। भारत का लेनिन ग्राद कहलाने वाला इस क्षेत्र में कई तरह के सामाजिक उत्पीड़न, आर्थिक विषमता और असहिष्णुता के विरुद्ध बडे़-बड़े आन्दोलन किए गये। पर वैचारिक भटकाव के कारण पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच भी भटकाव से इनकार नहीं किया जा सकता है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 124 (ए) अंगेजों द्वारा बनाया गया काला कानून है। जो किसी व्यक्ति पर राजद्रोह का आरोप गठित कर उस पर राजद्रोह का मुकदमा दायर किया जा सकता है। आजादी के 7 दशक बाद भी इस अधिनियम का इस्तेमाल करने की खुली छूट राजसत्ता को प्राप्त है। जो मौलिक अधिकार का हनन है। उक्त बातें पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने हसनपुर बागर में आयोजित वयोवृद्ध भाकपा नेता रामाकान्त सिंह के श्रद्धांजलि समारोह में कहीं। उन्होंने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 19 मौलिक अधिकार का हनन करती है। उसकी खात्मा के लिए किया गया संघर्ष ही मृतक के पति सच्ची श्रद्धान्जली होगी और इसे ही सच्ची देशभक्ति कही जा सकती है। इसके पहले सांसद डाॅ. भोला प्रसाद सिंह ने पूर्व के संस्मरण को ताजा करते हुए कहा कि मैं किसी भी राजनीतिक दल में रहूँगा पर मेरा संस्कार कम्युनिस्ट चिंतन ही है।
कन्हैया को सभी न्यायालय ने क्लीन चीट दे दिया हो, उसे हम किस आधार पर राष्ट्रद्रोही करार दे सकते हैं। ऐसा कहने पर मुर्दाबाद के नारे लगाकर कर मुझे ही राष्ट्रदोही करार कर अंध देशभक्ति करने का आरोप लगाया जा रहा है। सभा को जिला मंत्री गणेश सिंह, एटक के प्रह्लाद सिंह, अनिल कुमार अंजान, सूर्यकान्त पासवान, जितेन्द्र जीतू, गणेश पोद्दार, पूर्व विधायक रामविनोद पासवान आदि ने संबोधित किया। अध्यक्षता गणेश महतो ने की। संचालन चन्द्रभूषण चौधरी ने किया।