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संबंध सुधारने के लिए पीएम मोदी ने बताए पांच सूत्र

नई दिल्ली (ईएमएस)। द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय चीन यात्रा पर हैं। 27 और 28 अप्रैल के इस दो दिवसीय दौरे में पीएम मोदी आधा दर्जन से अधिक बार चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। इस दौरे में वह संग्रहालय में घूमने, प्रदर्शनी देखने, नौकायन करने और झील किनारे सैर से लेकर तमाम तरह के अनौपचारिक कार्यक्रमों में शामिल हुए हैं। इस दौरान मोदी और शी जिनपिंग के बीच राजनीतिक मुद्दों से इतर साझा सांस्कृतिक विरासत पर विस्तार से चर्चा की।

बीते साल डोकलाम में भारत और चीन के बीच लगातार 70 दिनों तक चले तनाव के बाद दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों के बीच यह पहली द्विपक्षीय मुलाकात है। दुनिया में तेजी से ताकतवर मुल्क के तौर पर उभरे पड़ोसी देश के साथ संबंधों को बेहतर बनाने के लिए पीएम मोदी भी 5 सूत्रों पर काम कर रहे हैं। बता दें कि देश के पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू ने भी चीन संबंध सुधार के लिए पंचशील का सिद्धांत दिया था। पीएम मोदी के इन 5 सूत्रों को नेहरू के पंचशील समझौते के बाद खासा अहम माना जा रहा है।

चीन के वुहान में शुक्रवार को राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अपनी औपचारिक मुलाकात के दरम्यान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों देशों के बीच संबंधों की बेहतरी के लिए अपना पांच सूत्रीय एजेंडा पेश किया। पीएम के अजेंडे का सार है-समान दृष्टिकोण, बेहतर संवाद, मजबूत रिश्ता, साझा विचार और साझा समाधान। मोदी के इस पांच सूत्रीय एजेंडे को 1954 में दोनों देशों के पहले प्रधानमंत्रियों के बीच हुए पंचशील समझौते के बाद अहम माना जा रहा है। इससे पहले 1954 में हिंदी-चीनी भाई-भाई का नारा देते हुए जवाहरलाल नेहरू ने पंचशील का सिद्धांत दिया था। नेहरू ने चीन के साथ संबंधों को बेहतर बनाने के लिए इन पांच सिद्धांतों की बात की थी। एक दूसरे की संप्रभुता का सम्मान, गैर-आक्रामकता, एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में दखल न देना, साझा लाभ के लिए समानता और सहयोग और शांतिपूर्ण सहअस्तित्व।

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