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शिक्षा विभाग का आदेश, स्कूली बसों में होने चाहिए सीसीटीवी कैमरे .

भोपाल/इंदौर, 20 जनवरी=  प्रदेशभर में स्कूली बसों में आने वाले दिनों में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य किया जा रहा है। पुलिस और परिवहन विभाग के निर्देश के बाद भी जब स्कूल संचालकों ने बसों में कैमरे नहीं लगाए तो प्रशासन ने जिला शिक्षा अधिकारियों को अपने स्तर पर अभियान चलाकर खुद की निगरानी में बसों में कैमरे लगवाएं। स्कूल संचालकों को समय भी दिया जाएगा, ताकि वे बसों में कैमरे लगवा सकें, अन्यथा बाद में बगैर कैमरे लगी स्कूल बसों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

शहरी क्षेत्र में ऐसे हजारों बच्चे हैं, जो घर से स्कूल आने-जाने में बसों का उपयोग करते हैं। इन बच्चों की शिकायत रहती है कि बस के अंदर ड्राइवर-हेल्पर अभद्र व्यवहार करते हैं। साथ ही कई बार यह शिकायतें भी छात्राएं करती हैं कि बसों में कार्य करने वाले कर्मचारी छेड़छाड़ जैसी घटनाओं को भी अंजाम देते हैं। इसके अलावा बच्चों को तय स्थान पर छोड़ने की बजाए घर से दूर छोड़ देते हैं। इसके अलावा भी बस के कर्मचारियों पर कई तरह के गंभीर आरोप लगते रहे हैं। शिकायतों पर नियंत्रण करने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग ने स्कूली बसों में अब सीसीटीवी कैमरे लगाने का फरमान जारी किया है। शिक्षा विभाग के आयुक्त द्वारा जारी किए गए आदेश में जिला शिक्षा अधिकारियों को कहा गया है कि वे अपनी निगरानी में कैमरे लगवाएं।

नियत समय के बाद अगर स्कूल बसों में कैमरे नहीं लगे तो शिक्षा विभाग के साथ परिवहन विभाग व यातायात पुलिस की मदद से स्कूल बसों के खिलाफ चालानी कार्रवाई की जाएगी। यहां तक कि बसों को जब्त भी किया जाएगा। विदित हो कि इसके पूर्व वे बसेें, जिनमें छात्राएं सफर करती हैं, उनमें महिला कर्मचारियों की नियुक्ति का आदेश भी जारी किया था, लेकिन कई स्कूल संचालकों ने अभी भी बसों में महिला कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं की है। अब देखना यह है कि कैमरे लगाने के आदेश का पालन कब तक किया जाएगा।

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