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भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. शिक्षक दिवस को स्टूडेंट्स स्कूलों और कॉलेजों में बड़े ही उत्साह के साथ सेलिब्रेट करते हैं. प्राचीन समय से ही गुरुओं का हमारे जीवन में विशेष स्थान रहा है. द्वापर युग में जब महाभारत का युद्ध हुआ था, तब श्री कृष्ण ने अर्जुन को गुरु की तरह उपदेश दिया था. श्री कृष्ण के उपदेश की बदौलत ही अर्जुन ने महाभारत के युद्ध में विजय हासिल की थी. महाभारत का युद्ध कौरवों और पांडवों के बीच हुआ था. युद्ध भूमि पर अर्जुन के सामने उनके गुरु और भाई थे. अर्जुन ने कृष्ण से कहा कि वे युद्ध नहीं कर सकते. जिसके बाद कृष्ण ने गुरु की तरह उन्हें कई उपदेश दिए थे. श्री कृष्ण द्वारा के उपदेशों को सुनने के बाद अर्जुन ने युद्ध करने का फैसला किया और कौरवों के खिलाफ युद्ध में विजय हासिल की.
श्री कृष्ण ने महाभारत की रणभूमि में अर्जुन को कई उपदेश दिए थे, इन्हें गीता के उपदेश कहा जाता है. गीता के उपदेश पर चलकर कोई भी अर्जुन की तरह अपने लक्ष्य को पूरा कर सकता है.
गीता के उपदेश
– ”जो ज्ञानी व्यक्ति ज्ञान और कर्म को एक रूप में देखता है, उसी का नजरिया सही है.”
– ‘जीवन में कोई भी काम करने से पहले खुद का आकलन करना बहुत जरूरी होता है. साथ ही अगर किसी काम को करते समय अनुशासित नहीं रहते हो तो कोई काम ठीक से नहीं होता है.”
– ”जो मन को नियंत्रित नहीं करते उनके लिए वह शत्रु के समान कार्य करता है.”
– ”कोई भी काम करने से पहले खुद पर विश्वास करो. व्यक्ति अपने विश्वास से निर्मित होता है. जो जैसा विश्वास करता है वैसा ही बन जाता है”
– ”व्यक्ति जो चाहे बन सकता है, यदि वह विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करे.”