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शाहरुख़ के किस कदम से खफा हुई राज्य सरकार

मुंबई, = रईस को लेकर शाहरुख खान राज ठाकरे से मिले, तो अब खबर आ रही है कि राज्य सरकार उनके इस कदम से खफा है। राज्य में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के एक नेता ने कहा कि शाहरुख खान को एेसे जाकर मिलने की क्या जरुरत थी। अगर उनको कोई परेशानी थी, तो उनको सरकार से पहले संपर्क करना चाहिए था। 

शनिवार को शाहरुख खान दादर स्थित राज ठाकरे के घर पर उनसे मिलने पंहुचे। आधे घंटे से ज्यादा वक्त तक चली इस मुलाकात के दौरान शाहरुख खान की ओर से वादा किया गया कि रईस की हीरोइन माहिरा खान फिल्म के प्रमोशन के लिए पाकिस्तान से मुंबई नहीं आएंगी। माना जा रहा है कि शाहरुख खान के इस आश्वासन के बाद राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) मुंबई और महाराष्ट्र में रईस के प्रदर्शन का विरोध नहीं करेगी। भाजपा नेता ने कहा कि अगर कोई एक्टर खुद अपनी मर्जी से किसी नेता से मिलने पंहुच जाता है, तो इसमें सरकार क्या कर सकती है। शाहरुख खान अगर फिल्म से जुड़ी किसी परेशानी को लेकर सरकार में शिकायत दर्ज कराएंगे, तो उचित कार्रवाई जरुर की जाएगी। बॉलीवुड में चर्चा है कि राज ठाकरे से शाहरुख खान की मुलाकात के पीछे सलमान खान सक्रिय रहे, जो राज ठाकरे के पुराने दोस्त रहे हैं और अब उनकी शाहरुख खान से दोस्ती हो गई है। सूत्र बताते हैं कि सलमान भी चाहते हैं कि रईस बिना किसी परेशानी के रिलीज हो जाए, इसलिए उनकी सलाह पर ही शाहरुख और राज ठाकरे की मुलाकात तय हुई और कहा जाता है कि सलमान ने इसे लेकर खुद राज ठाकरे से फोन पर बात की। 

कहा जा रहा है कि मनसे के बाद अब शिवसेना भी शाहरुख खान के खिलाफ मोर्चा खोलने जा रही है। शिवसेना पहले ही शाहरुख खान को बहुत पसंद नहीं करती। चर्चा है कि शिवसेना की ओर से कोशिश की जाएगी कि जैसे शाहरुख खान राज ठाकरे के पास मिलने गए, वैसे ही वे शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से भी आकर मिलें। अगर शाहरुख ऐसा नहीं करते, तो शिवसैनिक पाकिस्तान का नाम लेकर इस फिल्म की रिलीज का विरोध करेंगे और सिनेमाघरों को घेरेंगे। सूत्र बता रहे हैं कि माहिरा को पाकिस्तान से दुबई बुलाया जा सकता है, जहां मीडिया के चुनिंदा लोगों से वे फिल्म को लेकर बात कर सकती हैं। 

शाहरुख खान की राज ठाकरे से मुलाकात को लेकर बालीवुड में भी नाराजगी सुनी जा रही है। करण जौहर की ए दिल है मुश्किल को लेकर जब राज ठाकरे ने विरोध का मोर्चा खोला था, तो बालीवुड की ओर से फिल्म निर्माताओं की संस्था गिल्ड ने कमान संभाली थी और करण जौहर के साथ इंडस्ट्री खड़ी हुई थी। गिल्ड के चेयरमैन मुकेश भट्ट और कई सदस्यों ने ए दिल है मुश्किल को लेकर मुंबई से लेकर दिल्ली तक जाकर फिल्म की पैरवी की थी। कहा जा रहा है कि शाहरुख खान और रईस की टीम की ओर से गिल्ड के साथ कोई संपर्क नहीं किया। राज ठाकरे से उनकी मुलाकात की खबर भी मीडिया के माध्यम से ही मिली। मुकेश भट्ट का कहना है कि अगर कोई खुद फैसले लेता है, तो हम उसमें कोई दखल नहीं कर सकते। वे कहते हैं कि हम भी चाहते हैं कि फिल्म बिना किसी परेशानी के रिलीज हो जाए। अगर शाहरुख खान हमसे संपर्क करेंगे, तो हम जरुर उनके समर्थन में रहेंगे, क्योंकि फिल्म से सबकी रोजी-रोटी जुड़ी होती है। 

बॉलीवुड से लेकर राजनैतिक गलियारों तक माना जा रहा है कि राज ठाकरे से शाहरुख खान की मुलाकात का एक मात्र मकसद फिल्म को पब्लिसिटी दिलाना है, क्योंकि इस बार मुद्दा गंभीर नहीं है। कहा जा रहा है कि अगर शाहरुख खान चाहते, तो एक फोन कॉल पर ही राज ठाकरे की शिकायत को दूर सकते थे, लेकिन इससे पब्लिसिटी की मकसद पूरा नहीं होता। राज ठाकरे के साथ उनकी मुलाकात मीडिया में प्रमुखता से ली गई और इस खबर के साथ फिल्म के प्रोमो भी दिखाए गए। ए दिल है मुश्किल के वक्त राज ठाकरे के विरोध की खबरों के साथ चैनलों ने प्राइम टाइम में जितने टाइम प्रोमोज दिखाए, उनकी कीमत (प्राइम टाइम में विज्ञापनों की दर) 70 करोड़ के आसपास आंकी गई। करण जौहर की फिल्म का फ्री में इतना प्रचार हो गया। अब देखने वाली बात होगी कि रईस की टीम इसी तरह से अपना कितना करोड़ बचाने जा रही है। 

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