शांति-बहाली के लिए CM शिवराज धर्मपत्नी के साथ बैठे उपवास पर, कई मंत्री भी मौजूद
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भोपाल 10 जून= मध्यप्रदेश में शांति-बहाली के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शनिवार को सुबह 11 बजे राजधानी भोपाल के भेल दशहरा मैदान पर अपनी धर्मपत्नी साधना सिंह के साथ उपवास पर बैठ गए हैं। उनके साथ मंत्रिपरिषद के कई सदस्य भी उपवास में शामिल हुए हैं। वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री बाबूलाल गौर भी मुख्यमंत्री के बगल में उपवास पर बैठे हैं। इस दौरान उन्होंने किसानों को खुली चर्चा के लिए बुलाया है और चर्चा शुरू भी हो चुकी है।
सीएम के अनशन के लिए लंबा-चौड़ा वाटर प्रूफ पंडाल लगाया गया है. इस बीच मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री गौरी शंकर बिसेन ने कहा है कि किसानों की कर्ज माफी के वे पक्ष में नहीं हैं.
बातचीत से दो देशों के मसले हल हो जाते हैं। यह तो मेरे और आपके बीच हल हो जाने वाली समस्या है। आइये, बेहिचक अपनी बात कहिए।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) June 10, 2017
हम सब एक माँ के लाल हैं। अहिंसा को प्रमुख हथियार माननेवाले देश के नागरिक हैं, फिर हिंसा क्यों? इससे अपनों का ही नुकसान हो रहा।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) June 10, 2017
शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा कि उनका अनशन हिंसा के खिलाफ है. मध्य प्रदेश की सरकार किसानों के हक में काम करती रहेगी. शिवराज सिंह ने किसानों ने आह्वान किया कि बातचीत के जरिए मामले का समाधान किया जा सकता है. सरकार बातचीत के लिए हमेशा तैयार है. हिंसा से किसी मामले का समाधान नहीं हो सकता.
अनशन नहीं दोषियों पर कार्रवाई करें: ज्योतिरादित्य सिंधिया
वहीं कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शिवराज सिंह के उपवास पर कहा कि उपवास नहीं कार्रवाई करिए, मंदसौर के पीड़ित परिवार न्याय का इंतजार कर रहे हैं. बहुत हुई नौटंकी, अब राजधर्म निभाइए. मुख्यमंत्री दोषियों पर कार्रवाई करने, मृतकों के परिवारों को सांत्वना देने और जलते प्रदेश को शांत करने के बजाय उपवास-अनशन पर बैठने जा रहे हैं. ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि मध्य प्रदेश के किसान भाइयों की तकलीफ समझने में विफल रहे मुख्यमंत्री अब भी हमारे अन्नदाताओं का दुख नहीं समझ पा रहे हैं.
सीएम शिवराज सिंह के लिए मैदान पर एक मंच तैयार किया गया है जहां वह अनशन पर बैंठेंगे. स्थानीय बीजेपी नेता ने बताया कि यहीं पर बैठने के दौरान सीएम, किसानों के अलावा अन्य लोगों के साथ बातचीत भी करेंगे ताकि स्थिति को काबू में किया जा सके. इसके अलावा मंच के पास ही सीएम के आराम करने और कैबिनेट बैठक के लिए व्यवस्था की जा रही है.
किसानों का जेल भरो आंदोलन
सरकार के रुख से नाराज किसानों ने जेल भरो आंदोलन करने का ऐलान भी किया है. साथ ही किसान गांव-गांव जाकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी करेंगे. राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ, आम किसान यूनियन, भारतीय किसान यूनियन सहित अन्य संगठनों के नेताओं ने संयुक्त रुप से इस बात की जानकारी दी है. किसान संहठनों ने मंदसौर की घटना के लिए राज्य की बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.
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भारी पुलिस बल की तैनाती
पुलिस ने किसान आंदोलन को लेकर कांग्रेस के 18 नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. शुक्रवार को मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन के दौरान 4 जगहों से हिंसा की खबरें सामने आईं, वहीं हालात को काबू में करने के लिए RAF की 2 और टुकड़ियों को मध्य प्रदेश भेजा गया है.
ऐसे भड़की हिंसा
दरअसल मंदसौर जिले में किसान आंदोलन के दौरान मंगलवार को पुलिस फायरिंग में 6 किसानों के मारे जाने के बाद पश्चिमी मध्य प्रदेश में भड़की हिंसा और आगजनी के बीच विपक्ष मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को घेरने में जुटा है. जबकि शिवराज लगातार शांति बनाये रखने की अपील कर रहे हैं. शिवराज ने कहा कि सरकार किसानों की समस्याओं के समाधान से लिए उनसे बातचीत करने के लिये हमेशा तैयार है.