शहीद दिवस : शहीद-ए-आजम भगतसिंह की पिस्तौल को मिला ये सम्मान.
23 MARCH : 1928 में जिस पिस्तौल से शहीद-ए-आजम भगतसिंह ने असिस्टेंट सुप्रिटेंडेंट ऑफ पुलिस जॉन पी सोंडर्स को गोली मारी थी, उसे अब सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित नए आर्म म्यूजियम में रखने का प्लान बना रही है। यहां इस पिस्तौल के साथ ऐसे ही कई हथियारों को देखा जा सकता है, जिनका संबंध इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाओं से है।
वर्तमान समय में यह इंदौर के ही सेंट्रल स्कूल ऑफ वेपंस एंड टैक्टिक्स (सीएसडब्ल्यूटी) के पुराने संग्रहालय में अर्ध-स्वचालित 32 बोर पिस्तौल रखा हुआ है। इस बात की जानकारी सीमा सुरक्षा बल इंस्पेक्टर जनरल पंकज गूमर ने पीटीआई को दी। उन्होंने कहा कि बंदूक के अलावा, “शहीद-ए-आजम” की जीवन कथा भी म्यूजियम में प्रदर्शित होगी।
इंस्पेक्टर जनरल ने बताया कि इस पिस्तौल को 7 अक्टूबर, 1969 को सात अन्य आग्नेयास्त्रों के साथ सीएसडब्ल्यूटी में पंजाब के फिलल स्थित पुलिस अकादमी से लाया गया था।
पुलिस अफसर ने बताया कि भगत सिंह की विरासत पर अध्ययन करने वाली एक शोध टीम ने इस पिस्तौल के बारे में जानकारी दी है। ऐतिहासिक दस्तावेजों के परीक्षण से ये बात साबित हुई है कि ये पिस्तौल भगत सिंह की ही है।
प्रधानमंत्री मोदी व सांसद सिन्हा ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राज्यसभा सांसद आर के सिन्हा ने गुरूवार को शहीदी दिवस के मौके पर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को श्रद्धांजलि दी।
Remembering Bhagat Singh, Rajguru & Sukhdev on the day of their martyrdom. India will never forget their courage & sacrifice.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 23, 2017
प्रधानमंत्री ने देश के इन महान क्रांतिकारी शहीदों को ट्वीटर पर श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि देश पर अपनी जान न्यौछावर करने वाले भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के बलिदान दिवस पर शत-शत नमन। भारत उनके साहस और बलिदान को कभी नहीं भूलेगा।
सांसद आर के सिन्हा ने ट्वीटर पर जारी अपने संदेश में कहा, आज ही के दिन हमारे वीर सपूतों भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू को फिरंगी सरकार ने फांसी पर लटकाया था।
अमर बलिदानियों को कोटि कोटि नमन ….विनम्र श्रद्धांजलि ….!!!!
जय हिंद ..! #ShaheedDiwas #bhagatsinghrajgurusukhdev # pic.twitter.com/8AZXcgjI5C
— RK Sinha, Founding Member, BJP (@RKSinhaBJP) March 23, 2017
मां भारती के तीनों लाल मातृभूमि को अंग्रेजों से मुक्त कराने के लिए फांसी पर झूल गये थे। हमें अपनी नई पीढ़ी को अपने स्वतंत्रता सेनानियों के गौरव पूर्ण इतिहास से परिचित करवाना ही होगा| तभी लाखों बलिदानों के फलस्वरूप मिली आजादी की कीमत हमारी नई पीढ़ी समझेगी। अमर बलिदानियों को कोटि-कोटि नमन… विनम्र श्रद्धांजलि।
सोनिया ने भी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को दी श्रद्धांजलि.
अखिल भारतीय कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी गुरूवार को शहीदी दिवस के मौके पर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को श्रद्धांजलि दी।
सोनिया गांधी ने गुरूवार को जारी संदेश में कहा कि शहीदों, क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों द्वारा दी गई कुर्बानियों की वजह से आज हम आजाद भारत में अपने अपने सपनों को साकार कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव का भारतवर्ष के आजादी के इतिहास में योगदान अविस्मरणीय है| यह तीनों देश के लिए ही जिए और देश के लिए शहीद हुए।
उन्होंने कहा कि शहीदों का जीवनकाल भारत वर्ष के प्रत्येक नागरिक के लिए देश प्रेम की शिक्षा देने वाला एवं राष्ट्र पर सब कुछ न्योछावर कर देने की प्रेरणा देता है। शहीद भगत सिंह जी एक सच्चे राष्ट्रवादी के साथ साथ धार्मिक कट्टरता के भी बड़े विरोधी थे।