विशेष सीबीआई न्यायालय ने सेवा निवृत आईएएस अधिकारी को सुनाई पांच साल की सजा
नई दिल्ली, 5 जनवरी (हि.स.)। दिल्ली के रोहिणी स्थित विशेष सीबीआई न्यायालय ने तत्कालीन कॉपरेटिव सोसायटीज के रजिस्ट्रार व सेवा निवृत आईएएस अधिकारी नारायण दिवाकर को पांच साल की सश्रम कारावास की सजा व पांच लाख रुपए के आर्थिक दंड भी लगाया है। दिवाकर के अलावा इस मामले में तत्कालीन कार्यालय कर्मी उमेश चंद भटनागर, फैज मोहम्मद, एनएस खत्री व प्रहलाद कुमार थिरवानी को तीन साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। उनके साथ गोकुल चंद के एक व्यक्ति को भी इस मामले में सात साल की सजा सुनाई गई है।
उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर फर्जी कॉपरेटिव सोसायटीज को पंजीकृत करने के एक मामले की जांच की थी। मामले की जांच में पाया गया था कि आपराधिक मिलीभगत कर सोसायटी के फर्जी पंजीकरण को अंजाम दिया गया। मामले के अनुसंधान के बाद 6 अभियुक्तों के खिलाफ 120बी, 420, 465, 468 व 471 आईपीसी और 13(2) व 13 (1)(डी) के तहत आरोप पत्र 18 अक्तूबर 2006 को दाखिल किया गया था।