उत्तर प्रदेशखबरेदेशनई दिल्ली

विवादों और असहती के बावजूद आखिरकार हो गया कांग्रेस-सपा के बीच गठबंधन.

ऩई दिल्ली, 22 जनवरी=  उत्तर-प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर हजार विवादों और असहती के बावजूद समाजवादी और कांग्रेस के बीच गठबंधन आखिरकार हो ही गया। पिछले काफी दिनों से सीट बंटवारे को लेकर दोनों पार्टियों में खींचतान चल रही थी।

दोनों पार्टियां आधिकारिक तौर पर साझा प्रैसवार्ता करके इसकी घोषणा करेगी। कांग्रेस 105 सीटों पर चुनाव लडेगी, जबकि कुल 403 विधानसभा सीटों में से अब सपा 298 सीटों पर ही उम्मीदवार उतारेगी। रविवार शाम सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम और कांग्रेस नेता राजबब्बर संयुक्त रूप से इस गठबंधन का ऐलान करेंगे।

दरअसल शनिवार देर रात तक टिकट बंटवारे को लेकर दोनों पार्टियों के बीच बैठकों का दौर जारी था, कांग्रेस कम से कम 120 सीटें मांग रही थी, और सपा 100 सीटें देने को राजी थी। इसके बाद प्रियंका गांधी ने आगे बढ़कर मोर्चा संभाला। देर रात रामगोपाल यादव और प्रियंका के बीच दिल्ली में मुलाकात हुई, उसके बाद प्रियंका की ओर से कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव और उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से भी बातचीत की।

हालांकि इस बीच सपा ने कांग्रेस के कुछ सीटिंग विधायकों की सीट पर भी उम्मीदवार घोषित कर दिए थे। जिस वजह से गठबंधन पर संशय के बादल मंडरा रहा था। हालांकि मनमाफिक सीटें न मिलने से मायूस कांग्रेस के शीर्ष धड़े ने हार नहीं मानी और गठबंधन पर सहमति बन ही गई। एक ओर प्रियंका गांधी ने दिल्ली में रामगोपाल से मुलाकात की, तो वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बीच लखनऊ में दो बार बैठकें हुईं। जिसके बाद सपा कांग्रेस को 105 सीटें देने पर राजी हो ही गई।

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