विख्यात बांग्ला नाटककार द्विजेन बंद्योपाध्याय का निधन
कोलकाता, 27 सितम्बर (हि.स.)। हृदय गति रुक जाने से विख्यात बांग्ला नाटककार और अभिनेता द्विजेन बंद्योपाध्याय का मंगलवार रात निधन हो गया। वे 68 वर्ष के थे। हृदय रोग के अलावा वे अल्जाइमर रोग से पीड़ित थे।
एक नाटककार से उन्होंने अभिनय जगत में प्रवेश किया था। कुमार संभव नाटक में अपने जबरदस्त अभिनय के बाद उन्हें खासी लोकप्रियता मिली। उनके नाटकों में ‘घोरा’, ‘दसचक्र’ और ‘बलिदान’ प्रमुख हैं। बलिदान नाटक के लिए उन्हें पश्चिम बंगाल नाट्य एकेडमी पुरस्कार मिला था।
द्विजेन बाबू ने 1982 में अपनी एक नाटक मंडल तैयार किया जिसका नाम उन्होंने ‘संश्रव’ रखा। तब वे नाटक के ही बल्कि सिनेमा जगत के भी चर्चित चेहरे बन चुके थे। छोटे और बड़े, दोनों पर्दों पर उन्होंने अपने अभिनय का लोहा मनवाया था। ‘जाती स्मरण’, ‘जेखाने भूतेर भय’ और ‘ऑटोग्राफ’ नामक सिनेमा में उनके अभिनय को सराहा गया था। मंगलवार रात गल्फग्रीन इलाके के विजयगढ़ स्थित आवास पर हृदय गति रुक जाने से उनका निधन हो गया।