वाढवन बंदरगाह शिवसेना का बन सकता है सरदर्द ? सीएम के गोल मटोल जबाब से मच्छिमारो में निरशा .
शिवसेना भले ही पालघर विधान सभा को अपना गढ़ मान रही हो लेकिन शिवसेना के गढ़ में जिस प्रकार कुछ सालो से बहुजन विकास अघाड़ी .कांग्रेस ने सेंध लगाया है .उसे देखते हुए शिवसेना का रास्ता भी इतना असान नहीं है 2014 में भले ही शिवसेना ने 500 वोटो से पालघर विधान सभा सिट को जित कर अपना इज्जत बचा लिया था . लेकिन यह चुनाव शिवसेना के लिए असान नहीं . क्यू की समुंद्र के किनारे बसे गाँवो में शिवसेना की अच्छी पकड़ थी और यह बेल्ट शिवसेना का गढ़ माना जाता है लेकिन कुछ महीनो से यह गढ़ वाढवन और जिंदल बंदरगाह नामक बीमारी से ग्रस्त है . जिस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए इस गाँव के मच्छुवारे लड़ रहे है ताकि आगे इन मच्छुवारो का जीवन सुखमय हो और उनकी रोजी रोती चलती रहे और उनकी आने वाली पीढ़िया चैन से जी सके . साथ ही इन मच्छुवारो को इस बीमारी से छुटकारा मिलेगा उन्हें मुख्यमंत्री खुसखबरी देते हुए इन बंदर गाहो को रद्द करने की घोषणा करेगे ऐसी कई उम्मीदे लेकर मच्छिमार बड़ी संख्या में मुख्यमंत्री की सभा में पहुचे थे और मुख्यमंत्री को जिन सवालो का जबाब दो शब्दों में देना चाहिए उन सवालो का जबाब गोल गोल और घुमा फिरा कर दिया की जनता की भावनावो की कदर करते हुए व उनको विश्वास में लेकर विकास काम किया जाएगा और विकास काम होना चाहिए इससे युवाओ को नौकरी मिलेगी इन जबाबो से मच्छुमार समाज के लोग निरशा होकर लौटे .और शिवसेना अब लाख चिल्ला चिल्ला कर कह ले की हम लोग इन बन्दरगाहो को बनने नहीं देंगे इस सभा से ऐसा लग रहा है की शिवसेना लाख चिल्लाये लेकिन यह बंदर गाह बन कर ही रहेगा .
चुनाव प्रचार में सभी मर्यादा टूटी , दलाल और गधा कह कर विरोधियो पर किया हमला .
पालघर में सोमवार को मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की चुनावी सभा में शिवसेना के नेता और मुख्यमंत्री ने चुनाव प्रचार की सभी मर्यादा तोड़ते हुए अपने विरोधियो पर कांग्रेस के नेता नारायण राणे व अन्य नेतावो का बिना नाम लिए हमला करते हुए कहा की अभी दो दिन पहले कुछ दलाल आये थे .जिन्हों ने मच्छिमारो के हित में होने वाले कई फैसलों की फाईलो को दस साल से दबा कर रखा था . जैसे पर्सिन नेट तरीके से मछली का काफी सालो से विरोध हो रहा था लेकिन इन दलालों ने इस फाईल पर इससे बंद करने की कोई जरुरत नहीं ऐसा लिख कर दस सालो से दबा कर रखा था ,जब महायुती की सरकार आई तो इन फाईलो को बाहर निकाल कर झाई से लेकर मुरुड तक 12 नर्तिकल तक इस तरीके से मछली मारने पर जीआर निकाल कर हमने प्रतिबंध लगाया . ताकि मछलियों के बच्चे बच सके वह पूरी तरह नष्ट न हो . इस सरकार ने ऐसी कई योजनाये लायी है जिसके तहत आने वाले समय में हम घर देने वाले . घर बनाने के लिए सरकार लोन देगी . सभी सरकारी कामो को समय पर करने के लिए हम कानून ला रहे है जिसके तहत हर काम का एक समय होगा उस समय के अन्दर अधिकारियो को सभी काम करने होंगे आप मोबाईल अप्लिकेशन से भी आप्लाई कर सकते हो एसी कई योजनाये यह सरकार जनता के हित में लाने वाली है क्यू की यह आम जनता की सरकार है . साथ उन्हों ने यह भी कहा की इसके पहले दलालों की सरकार थी बिना लक्ष्मी दर्शन के कोई काम नहीं होता था . और जिन जिन लोगो ने जनता का पैसा लुटा है उन सभी को जेल की हवा खानी पड़ेगी और वह पैसा फिर से जनता की तिजोरी में जमा होगा . वही शिवसेना की नेता नीलम गोहे ने अपने विरोधी उम्मीदवारों को गधा कह कर उनके ऊपर हमला बोला .
शिवसेना के मंच से शिवसेना की आलोचना .
शिवसेना के मंच से नितिन भानोगोडे पाटिल ने पालघर के सड़क ,पानी .बिजली व अन्य सुबिधावो की दुर्दशा को खूब आलोचना की लेकिन वह भूल गए की इस क्षेत्र में करीब 25 सालो से हर जगह शिवसेना की सत्ता है ,2009 में केवल कांग्रेस के राजेन्द्र गावित चुनकर आये थे जो पालघर से केवल पांच साल तक विधायक थे . लेकिन यह सब सुबिधाये अगर लोगो तक नहीं पहुंची है तो उसका सबसे ज्यादा जिम्मेदार शिवसेना है .जो इन सुबिधावो को लोगो तक पहुचाने में फेल हो गयी है . जिसके कारण धीरे धीरे लोगो का शिवसेना से मोह भंग होने लगा है .और वह शिवसेना छोड़ कर दूसरी पार्टियों का दामन थामने लगे है .
प्रचार के लिए पालघर में नेतावो का ताता .
पालघर में 13 फ़रवरी को होने वाले विधान सभा उप चुनाव के लिए शिवसेना और कांग्रेस ,एनसीपी के बड़े बड़े नेतावो का पालघर में ताता लगा हुआ है और हर नेता अपनी अपनी पार्टी के उम्मीदवार को जितने के लिए आपनी आपनी पूरी ताकत लगाते नजर आरहा है . जंहा कांग्रेस के पूर्व मुख्मंत्री व प्रदेश अध्यक्ष आशोक चव्हाण . एमपी के बिधायक बालाबच्चन ,पूर्व गृह मंत्री कृपा शंकर सिंह , पूर्व मंत्री आरिफ नसीम खान . सांसद हुसेन दलवई ,पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हान व अन्य नेता लोगो से मिल कर कांग्रेस व उनके विधायक राजेन्द्र गावित द्वारा किये गए व ठाणे जिला विभाजन कर पालघर जिला बनाने की दुहाई देकर उन्हें जितने की लोगो से अपील कर रहे है . जिसमे से कुछ नेता पालघर में डेरा डाल कर बैठे क्यू की कांग्रेस एनसीपी इस उप चुनाव को जित कर पुरे देश को यह संदेशा देना चाहती है की मोदी का जादू आब लोगो के ऊपर से खत्म होगया साथ ही इन पार्टियो को इस उप चुनाव से सत्ता में वापसी रास्ता दिखाई दे रहा है .
अभी कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र में कई जगहों पर हुए चुनाव में जिस प्रकार शिवसेना बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है .उन चुनावों को देखते हुए पालघर में शिवसेना बीजेपी की प्रतिष्ठा दाव पर लगी है महाराष्ट में सभी चुनाव अलग अलग लड़ने वाली बीजेपी शिवसेना को अब लगने लगा है आने वाले समय दोनों पार्टिया अलग अलग चुनाव लड़ कर नहीं जित सकती और वह सत्ता से बाहर हो जायेगी इस लिए इस दोनों पार्टिया और आरपीआय गठबंधन करके महायुती में चुनाव लड़ रही है , और शिवसेना के मंत्री एकनाथ शिंदे , मंत्री सुभास देसाई ,अनिल देसाई जैसे कई दिग्गज कई दिनों से पालघर में डेरा डाल कर बैठे है ,उनको यह भली भात पता है अगर शिवसेना इस चुनाव में अपनी यह सिट नहीं बचा पाटी है तो वह पालघर जिला से बाहर हो जाएगी इस लिए शिवसेना के नेतावो ने इस चुनाव को जितने के लिए अपनी अपनी पूरी ताकत झोक दी और चुनाव जितने के लिए हर मुमकिन कोशिश में जुटे है ,
इन पार्टियों के साथ -साथ पालघर जिले की सबसे ज्यदा विधायको वाली पार्टी बहुजन विकास आघाडी भी इन पार्टियों से पीछे नहीं बविआ इस चुनाव को जित कर पालघर जिले में सबसे बड़ी पार्टी बनने की कोशिश कर रही और उसके पास पहले से ही पालघर जिला 6 विधायक में से तीन विधायक उसके पास है .लेकिन प्रचार के लिए विधायक हितेंद्र ठाकुर , महापौर प्रवीना ठाकुर , विधायक क्षितिज ठाकुर ,पूर्व महापौर राजू ,व प्रवीण राउत के शिवाय उनके पास कोई मंत्री या स्टार नेता नहीं जिसके लिए बविआ के मुखिया हितेंद्र ठाकुर अपने नेतावो के साथ कई दिनों पालघर में ही अपना मोकाम पोस्ट बनाकर रखा है और घर -घर .गाँव –गाँव ,बिल्डिंग –बिल्डिंग जाकर लोगो से सीधे सम्पर्क कर उनकी समाया सुनकर उसे दूर करने का आश्वाशन दे रहे है . और पार्टी के नेतावो ने पालघर जिले के विकास के लिए विकास प्लान भी बनया जो लोगो तक पंहुचा रहे ,
आब 13 फ़रवरी को ही पता चलेगा की पालघर की जनता किस पार्टी को पालघर जिले का विकास करने सबसे ज्यादा विधायको वाली पार्टी बनती है .किसे पालघर जिला के पार करके किसे पालघर में जीरो विधायको वाली पार्टी बनती , की कांग्रेस के सपनो को पूरा करती है यह देखने वाली बात होगी .
चुनावी मुद्दे …..
कांग्रेस ने अपना मुख्य चुनावी मुद्दा बनाया है की आछे दिन कब आयेगे , पालघर जिला का निर्माण कांग्रेस ने किया , पालघर में सबसे ज्यदा विकास काम राजेन्द्र गावित ने किया , वाढवन व जिंदल बंदरगाह मच्छिमारो के लिए घातक है यह कहते हुए इन बंदर गाहो का विरोध . ऐसे अन्य कई मुद्दे लेकर कांग्रेस चुनाव प्रचार कर रही है .
शिवसेना ने भी वाढवन व जिंदल बंदरगाह को लेकर मच्छीमारो का विरोध देखते हुए इन बन्दरगाहो का विरोध किया , साथ ही शिवसेना कृष्णा घोडा के मौत की सहन भूति का वोट चाहती है .शिवसेना का कहना है पालघर का विकास उसके शिवाय कोई नहीं कर सकता ऐसे कई मुद्दों को लेकर चुनाव प्रचार कर रही ,
जब की बहुजन विकास अघाड़ी पालघर जिला का विकास प्लान बनकर यह कहते हुए चुनाव लड़ रही की आप लोग वसई विरार में आकार देखो की हमने वहा कैसा विकास किया वहा की सड़के , पानी ,विजली, कालेज ,अस्पताल जैसी कई सेवाए वहा मौजूद है , अगर कोई समस्या होती है जैसे पानी नहीं आया , सड़क ख़राब . बिजली नहीं आया यसे चंद घंटो में ठीक कर दिया जाता है , और आने वाले समय में अगर हमारा उम्मीदवार चुनकर आया तो पालघर जिले इसी प्रकार हर जगह ऐसी सुबिधाए .जिसका मास्टर प्लान हमने तैयार कर रखा है .
पैसा , और शराब ,मटन की पार्टी ले लो लेकिन वोट हमें दो ?
इस चुनाव प्रचार के दौरान सभी पार्टिया एक दुसरे पर यह आरोप लगाते दिखी और सभी जगह यह एक खास मुद्दा छ्या है .की कांग्रेस कहती है अगर शिवसेना ,बविआ पैसा मटन ,दारु देती है तो ले लो लेकिन वोट हमको ही देना , शिवसेना कहती है अगर कांग्रेस बवि आ पैसा ,शराब ,मटन देती है तो ले लो लेकिन वोट हमें देना , ब वि आ कहती की अगर कांग्रेस शिवसेना पैसा , और शराब ,मटन की पार्टी देती है तो ले लो मगरवोट हमें देना लेकिन सवाल यह उठ रहा है सभी पार्टिया एक दुसरे पर आरोप पर आरोप लगा रही है लेकिन यह सब कुछ दे कौन रहा है .