लॉकडाउन की ओर पालघर, जिला प्रशासन भीड़ रोकने में नाकाम
पालघर : पालघर ज़िले में एक तरफ जहां कोरोना संक्रमितों की इजाफा होते दिखाई दे रहा है . वही दूसरी तरफ जिले में शादी ,कार्यक्रम और मिटिंगों में हो रही भीड़ को रोकने में जिला प्रशासन नाकाम दिखाई दे रहा है। समय रहते भीड़ को रोका नहीं गया तो वह दिन दूर नहीं जब पालघर जिला में कोरोना संक्रमण अपने चरम पर होगा.
जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए डीएम डॉ. माणिक गुरसल ने धार्मिक ,सामाजिक व अन्य कार्यक्रमों पर भले ही प्रतिबंध लगा रखा है . पर इसका असर जमीनी स्तर पर नाम मात्र दिखाई दे रहा है. जिले में होने वाली शादियों ,कार्यक्रमों और मीटिंगों की ज्यदातर जो तस्वीरें सामने आ रही है. वह हैरान करने वाली है.
जिस तरह जव्हार में अचानक कोरोना ने रफ्तार पकड़ा और वहां 71 कोरोना मरीज मिले है. उसी तरह जिले में चल रही मनमानी से कोरोना रफ्तार पकड़ा है. तो इसके लिए जबाबदार कौन होगा.
जिस प्रकार जव्हार सरकारी स्कूल में करीब 55 छात्र ,कर्मचारी ,शिक्षक कोरोना संक्रमित पाए गए है. इसके पीछे कारण एक शिक्षक को बताया जारहा है,जो नाशिक से शादी में सम्मिलित होकर लौटा था. और वह कोरोना संक्रमित था. बताया जा रहा है कि इस शिक्षक की लापरवाही से ज्यादातर लोग संक्रमित हो गए.
हालांकि की इसे लेकर प्रशासन का कहना है की यह जांच का विषय है. जांच के बाद ही पता चल पायेगा की यह संक्रमण कैसे फैला,फ़िलहाल यह बीमारी कंट्रोल में है .
[box]कोरोना संक्रमणरोकने के लिए सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन का कड़ाई से पालन करवाना चाहिए.जिलाप्रशासन द्वरा जो कार्यवाई की जा रही है, वह प्रशासनिक कार्यवाई कानून का उल्लंघन करने वाले सभी के खिलाफ समान रूपसे होनी चाहिए. ऐसा नहीं कोई बड़ा कद वाला य रसूकदार है तो उसे छुट और गरीब है तोउस पर कार्यवाई. क्यों की जो कार्यवाई हो रही वह भेदभाव पूर्ण हो रही है.
महावीरजैन – सामाजिक कार्यकर्ता [/box]
[box]कोरोनासंक्रमण रोकने के लिए पालघर के डीएम डॉ. माणिक गुरसल भीड़ वाली शादियों पर जोकार्यवाई कर रहें है वह अच्छा है.लेकिन यह कार्यवाई भेदभाव पूर्ण नहीं होनी चाहिए.जिस प्रकार डीएम साहब दो शादियों पर कार्यवाई कर रुक गए. हम उसे किस नजर से देंखे,अगरकोरोना संक्रमण को रोकना है,तो कानून का उल्लंघन करने वाले सभी लोगो परकार्यवाई होनी चाहिए.
अनुजा तरे -शिवसेना नगरसेविका ,पालघर[/box]