लालू की पैरवी के मामले में मंडलायुक्त ने की जज के गांव में जांच
उरई, 13 जनवरी (हि.स.)। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की पैरवी के मामले में झांसी के मंडलायुक्त अमित गुप्ता शनिवार को रांची की सीबीआई अदालत के विशेष जज शिवपाल सिंह के पैतृक गांव शेखपुर खुर्द पहुंचे। उन्होंने गांव में लगभग 1 घंटा बिताया। इस दौरान कुछ ग्रामीणों ने जज शिवपाल सिंह के भी खिलाफ भी चक रोड मामले में ज्ञापन दिया।
एक हिन्दी दैनिक समाचार पत्र में कुछ दिनों पहले यह खबर प्रकाशित हुई थी कि जालौन के जिलाधिकारी डा. मन्नान अख्तर ने लालू प्रसाद यादव की सजा कम करवाने के लिए रांची में सीबीआई की विशेष अदालत के जज शिवपाल सिंह को फोन किया था। चूंकि शिवपाल सिंह जालौन जिले के ही रहने वाले हैं। इस खबर के बाद राजनैतिक और प्रशासनिक जगत में भूचाल आ गया था। हालांकि जालौन के जिलाधिकारी डा. मन्नान अख्तर ने सफाई दी थी कि वे असम के रहने वाले हैं और उत्तर प्रदेश में नौकरी कर रहे हैं। बिहार या झारखंड में उनका कोई कनेक्शन नहीं है इसलिए वे लालू प्रसाद यादव की सिफारिश क्यों करेंगे। उन्होंने कहा कि जज शिवपाल सिंह ने जरूर अपने गांव में खुद के खेतों से कथित रूप से चकरोड निकाले जाने को लेकर उनसे नवम्बर में संपर्क किया था और इस सिलसिले में फोन पर भी बात की थी।
उधर, उत्तर प्रदेश सरकार ने इस खबर का संज्ञान लेते हुए झांसी के मंडलायुक्त अमित गुप्ता से दो दिन के अंदर जालौन के जिलाधिकारी पर लगे आरोप की जांच कर रिपोर्ट मांगी थी। जांच सुपुर्द करने के बाद प्रदेश सरकार ने मंडलायुक्त अमित गुप्ता का गुरुवार को तबादला कर दिया था लेकिन कार्यमुक्त होने के पहले नये मंडलायुक्त की बजाय उनसे ही जांच करने को कहा गया। इसलिए उन्होंने जालौन के उपजिलाधिकारी भैरपाल सिंह के साथ शेखपुर खुर्द में गहन निरीक्षण किया। वे जज के परिजनों से मिले और अन्य ग्रामीणों से भी उन्होंने बात की। उन्होंने पहले बने चकरोड और नये चकरोड की स्थिति को मौके पर देखने के लिए भी लाव-लश्कर के साथ धूल फांकी। रवाना होने के पहले पत्रकारों से संक्षिप्त वार्ता में उन्होंने कहा कि वे अपनी रिपोर्ट शासन को देंगे। इसके अलावा अन्य कोई जानकारी देने से उन्होंने इंकार कर दिया।