लखनऊ : भारत में दहशत फैलाने और बम बनाने की जिम्मेदारी सैफुल्लाह की थी .
Uttar Pradesh.कानपुर, 08 मार्च (हि.स.)। लखनऊ के ठाकुरंगज में मंगलवार को एटीएस के साथ मुठभेड़ में मारा गया आईएसआईएस का आतकी कानपुर के जाजमऊ इलाके के केडीए कॉलोनी का रहने वाला था। यहीं के तिवारीपुर से दो संदिग्ध आंतकियों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
देर रात एसपी सचिंद्र पटेल कई थानों की फोर्स के साथ सैफुउल्ला के जाजमऊ इलाके में बने घर में दबिश दी। घर से पुलिस ने उसके पिता को अरेस्ट करने के साथ ही तीन अन्य को उठाया है। कानपुर पुलिस के मुताबिक आतंकी सैफुल्लाह आईएसआईएस के खुरासन माड्यूल का सदस्य था। इमरान और फैजल खां के पास से आईएसआईएस से जुड़े होने के कई सुबूत मिले हैं।
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लखनऊ में एन्काउंटर में मारे गए आतंकी सैफुल्लाह और इमरान के बीच गहरी दोस्ती थी। दोनों एक साल पहले आतंकवादी संगठन आईएसआईएस से जुड़े थे। दोनों को बम बनाने और भारत में दहशत फैलाने की जिम्मेदारी दी गई थी। सैफुल्लाह के पिता राशिद टेनरी में जॉब करता है। इसके चार बेटे हैं, जिसमें सैफुल्लाह सबसे बड़ा था। जिस मकान में सैफुल्लाह रहता था वह उसके पिता ने एक साल पहले सउदी में रहने वाले एक व्यक्ति से खरीदा था।
बड़ी आतंकी साजिश की फिराक में थे
कानपुर एटीएस के हत्थे लगे फैजल और इमरान ने पूछताछ के दौरान बताया किया कि कानपुर के साथ ही राजधानी में बड़े आंतकी हमले का प्लॉन था। एटीएस ने इनके पास से दो लैपटॉप के साथ भारी मात्रा में असलहा और कारतूस बरामद किए हैं। लैपटॉप में बम बनाने के वीडियो के अलावा आईएसआईएस का लिट्रेचर भी मिला है। पुलिस का दावा है कि ये आतंकी कानपुर में होली के बाद बड़े धमाके के प्लान में थे। पुलिस सूत्रों की माने तो इमरान सोमवार को भोपाल और मंगलवार सुबह लखनऊ से शहर लौटा था। पूछताछ में इमरान और उसके भाई फैसल ने सिमी और आईएसआईएस से जुड़े लोगों से रिश्ते होने की बात कबूली है।
बिजली कटने के बाद की गई कार्रवाई
भोपाल-उज्जैन पैसेंजर धमाके के आरोप में देर रात कानपुर पुलिस और एटीएस ने कानपुर के डिप्टी पड़ाव, गुस्बतउल्ला इलाके से चार और संदिग्ध आतंकियों को हिरासत में ले लिया है। ये चारों भी पूर्व में पकड़े गए संदिग्ध आतंकियों के साथी बताए जा रहे हैं। पुलिस इनके पीछे शाम से ही लगी हुई थी। देर रात मौका देखकर पहले इलाके की बिजली कटवाई गई और फिर चारों को हिरासत में ले लिया गया। देर रात कानपुर से चार संदिग्धों के पकड़े जाने के बाद पकड़े गए संदिग्धों की संख्या 10 हो गई है। जबकि एक आंतकी की मुठभेड़ में मौत हो गई है। पकड़े गए दस में से सात आतंकी कानपुर के हैं जबकि एक अलीगढ़ और एक इटावा का है। इन सभी को आईएसआई का सदस्य बताया जा रहा है।
उज्जैन विस्फोट के दो आतंकी कानपुर के
मंगलवार सुबह भोपाल के काला पीपल रेलवे स्टेशन के पास उज्जैन-भोपाल पैसेंजर की एक बोगी में विस्फोट हो गया। धमाके में एक दर्जन से अधिक यात्री घायल हुए हैं। एमपी पुलिस ने मामले में होशंगाबाद के पिपरिया से तीन लोगों को पकड़ा है। इन तीनों में दो कानपुर के हैं। पकड़ा गया संदिग्ध दानिश अख्तर उर्फ जफर यहां केडीए कॉलोनी और दूसरा आतिश मुजर्फर उर्फ अल कासिम जाजमऊ कानपुर का रहने वाला है।
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सोशल मीडिया के जरिए आंतकी संगठन से जुड़े तार
सीरिया से कंट्रोल हो रहे अलकायदा के खुरासान ग्रुप का नाम लेकर कानपुर-लखनऊ समेत आसपास के तमाम जिलों के कुछ लोकल लड़कों ने अपना एक ग्रुप बना रखा था। ये सभी आतंकी ग्रुप इस्लामिक स्टेट से भी प्रभावित थे। इमरान ने पुलिस की पूछताछ में बताया है कि सोशल मीडिया के जरिए ही ये लोग एक-दूसरे के संपर्क में रहकर आतंकी घटनाओं की तैयारी कर रहे थे। इस खुरसाना ग्रुप से जुड़े सभी मिसगाइडेड लड़के आईएस की कार्यप्रणाली को फॉलो कर रहे थे। संदिग्धों के ठिकानों से बरामद लैपटॉप, मोबाइल फोन और बड़ी संख्या में आईएस का साहित्य दबिक मिला है। इसके अलावा इनके पास से बम बनाने की कई विधियों से जुड़े मटिरियल भी मिले हैं।