लखनऊ कचहरी परिसर में हुए बम धमाके के दो आरोपियों को उम्रकैद
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लखनऊ की एक विशेष अदालत ने नवम्बर 2007 में राजधानी के कचहरी परिसर में हुए बम धमाके के मामले के दो आरोपियों को उम्रकैद और जुर्माने की सजा सुनायी. अदालत ने मामले के अभियुक्तों तारिक क़ासमी और मोहम्मद अख्तर को 23 अगस्त को ही दोषी करार दिया था, मगर सजा देने के लिये 27 अगस्त की तारीख मुकर्रर की थी. विशेष न्यायाधीश बबिता रानी ने जिला जेल में हुई सुनवाई के बाद दोनों मुजरिमों को उम्रकैद के साथ-साथ कुल 10 लाख 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. कासमी और अख्तर पिछले 11 साल से जेल में हैं.
प्रदेश के आतंकवाद रोधी दस्ते के संयुक्त निदेशक सुभाष चन्द्र सिंह तथा वरिष्ठ लोक अभियोजक अतुल कुमार ओझा ने दोनों मुजरिमों को मौत की सजा देने की मांग की थी. वहीं, बचाव पक्ष के वकीलों आरिफ अली और फुरकान खान ने अदालत से नरमी की गुजारिश की थी. मालूम हो कि 23 नवम्बर 2007 को लखनऊ, फैजाबाद और वाराणसी के कचहरी परिसरों में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे, जिनमें कम से कम नौ लोग मारे गये थे तथा कई अन्य घायल हो गये थे. इस मामले में आजमगढ़ निवासी तारिक कासमी, कश्मीर के रहने वाले मोहम्मद अख्तर, जौनपुर वासी खालिद मुजाहिद और सज्जाद उर रहमान को गिरफ्तार किया गया था.
पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने उनके आतंकवादी संगठन हूजी से जुड़ा होने का दावा किया था. मामले के आरोपी खालिद मुजाहिद की मई 2013 में फैजाबाद से लखनऊ लाते वक्त संदिग्ध हालात में मौत हो गयी थी, जबकि सज्जाद को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था.