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रोजवैली और सारदा मामले में सीबीआई ने कसी अपनी कमर.

कोलकाता, 11 जनवरी =  रोजवैली चिटफंड मामले में तृणमूल नेताओं की गिरफ्तारी के चलते राज्य के राजनीतिक हलकों में मची खलबली के बीच केंद्रीय जांच ब्यूरो सीबीआई ने सारदा मामले की जांच को भी गति देने में जुट गई है।

मंगलवार को सीबीआई ने सारदा मामले के आरोपी तृणमूल के निलंबित सांसद कुणाल घोष को तलब किया था। सीबीआई अधिकारियों ने कुणाल घोष से करीब 12 घंटों तक लगातार पूछताछ की। कुणाल घोष से हुई इस मैराथन पूछताछ की वजह से एक बार फिर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है।

गौरतलब है कि कुणाल घोष ने जेल में रहते हुए सीबीआई को एक पत्र भेजा था। उस पत्र में सारदा कांड में संलिप्त कुछ प्रभावशाली लोगों के नाम का उल्लेख किया गया था। सीबीआई सूत्रों के अनुसार पूछताछ में उनसे उसी पत्र के लिखी बातों के संबंध में सवाल किये गये। दूसरी तरफ रोज वैली के साथ सारदा मामले में सीबीआई की तत्परता से राज्य की सत्तारूढ तृणमूल कांग्रेस की चिंता बढ़ गई है।

रोजवैली की तरह सारदा मामले में भी तृणमूल के कई नेताओं पर आरोप लग चुके हैं। सारदा मामले में तृणमूल के दो सांसद व एक मंत्री गिरफ्तार भी किया गया था। गिरफ्तार किए गए सांसदों में कुणाल घोष व संजय बसु शामिल हैं। जबकि तृणमूल के प्रभावशाली नेताओं में गिने जाने वाले राज्य के मंत्री मदन मित्र को भी गिरफ्तार किया गया था।

हालांकि इन सभी को जमानत मिल चुकी है। सारदा मामले में गिरफ्तारी के बाद कुणाल घोष को तृणमूल से निलंबित कर दिया गया था जबकि संजय बसु ने खुद पार्टी से किनारा कर लिया था। दूसरी तरफ मदन मित्र अब भी पार्टी में बने हुए हैं। उन्होंने पिछला विधानसभा चुनाव जेल में रहते हुए लड़ा था जिसमे उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा।

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