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रेलवे ड्राइवर बनना चाहते थे ओम पुरी

सपना सिंह 

ओम पुरी के अभिनय के बारे में बात करना, मानो सूरज को रोशनी दिखाना. लेकिन एक्टिंग के अलावा भी वह चर्चा में रहते थे. बीते कुछ सालों में तो ओम पुरी और विवादों का मानो चोली दामन का साथ हो गया था. वह सबसे ज्यादा चर्चा में तब आए जब उनकी पत्नी नंदिता पुरी ने जीवनी लिखी जिसका नाम था ओम पुरी . इस जीवनी में नंदिता ने ओम पुरी के जीवन के उन पहलुओं के बारे में खुलकर बात की थी जिसके बारे में शायद खुद पुरी ज़िक्र करना पसंद नहीं करते.

नंदिता के खुलासों से ओम पुरी काफी नाराज़ रहे और उन्होंने यह तक कहा कि वह उन्हें नहीं बख़्शेंगे. इसके बाद ओम पुरी और नंदिता के बीच की तनातनी बार बार मीडिया की सुर्खियां बटोरती रही. 2009 में एक जीवनी से शुरू हुया ये विवाद, हाल ही में फरवरी 2016 में तब खत्म हुआ लगा जब दोनों ने शादी के 26 साल बाद अलग होने का फैसला किया और दोनों ने तलाक लिए बिना अलग-अलग रहने का निर्णय लिया.

यह कहना गलत नहीं होगा कि ‘अर्दध सत्य’ में इंस्पेक्टर अनंत वेलनकर के निभाए रोल की ही तरह, ओम पुरी असल जिंदगी में भी सिस्टम से ख़फा ही नज़र आते थे. 2011 में दिल्ली में हुआ अन्ना आंदोलन एक बार फिर ओम पुरी को सुर्खियों में ले आया. ओम पुरी ने इस आंदोलन में भाग लिया था और मंच पर भ्रष्टाचार और घूसखोरी पर बात करते हुए नेताओं के लिए कहा था ‘देखिए ये कैसे एक दूसरे से लड़ते हैं. संसद में ये कुर्सियां और माइक उठाकर एक दूसरे को मारते हैं.’ उन्होंने सांसदों के लिए ‘अनपढ़’ और ‘गंवार’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था जिसके बाद अभिनेता के बयान को संज्ञान में लेते हुए संसद ने उन्हें नोटिस भेजा था. बाद में ओम पुरी ने चिट्ठी लिखकर माफी मांगी और कहा कि ‘मैंने जिन दो शब्दों का इस्तेमाल किया था उसको लेकर मै अपने से नाराज़ हूँ. मै इससे सहमत हूँ कि मुझे बेहतर भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए था लेकिन मै वहाँ भावनाओं में बह गया था.’

 ओम पुरी तब भी विवादों में आए जब दिसंबर 2015 में वह पाकिस्तान गए थे जहां उन्होंने गौ हत्या के मुद्दे पर अपनी राय रखी थी. अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में हिस्सा लेने गए ओम पुरी ने कहा था कि ‘हम हर साल बीफ को एक्सपोर्ट करके करोड़ों डॉलर कमाते हैं. इसलिए जो लोग भारत में गौ हत्या पर प्रतिबंध की बात करते हैं, वो दरअसल पाखंडी हैं.’ ओम पुरी के इस बयान को भारत में काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था.

हाल ही में उरी हमले के बाद बारामूला आतंकी हमले में शहीद नितिन यादव पर ओमपुरी की टिप्पणी ने काफी लोगों को नाराज़ कर दिया था. एक टीवी चैनल के डिबेट में ओम पुरी ने कहा था कि शहीद जवान को किसने कहा था फ़ौज में भर्ती होकर गोली खाने के लिए. हालांकि बाद में ओम पुरी अपने आंखों में पश्चाताप के आंसू भरकर शहीद नितिन यादव के घर पहुंचे थे. गांव में उन्होंने शहीद जवान के चित्र पर माल्यार्पण किया और उनके समाधि स्थल पर भी गए थे.

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