रेणुका चौधरी पर की टिप्पणी के लिए प्रधानमंत्री माफी मांगें : कांग्रेस
नई दिल्ली, 08 फरवरी (हि.स.) । अखिल भारतीय महिला कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राज्यसभा में बुधवार को रेणुका चौधरी की हंसी पर दिए गए आपत्तिजनक बयान पर उनसे माफी मांगने को कहा है।
सियासी हलकों में यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है। महिला कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद सुष्मिता देव ने प्रधानमंत्री मोदी से इस पर मांफी मागने की अपील की है| कांग्रेस नेताओं ने इस मुद्दे पर गुरुवार को राज्यसभा में जमकर हंगामा किया।
उल्लेखनीय है कि बुधवार को प्रधानमंत्री राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब दे रहे थे| उस दौरान विपक्ष का शोर-शराबा जारी था| तभी रेणुका चौधरी ठहाका मारकर जोर-जोर से हंसने लगीं। विपक्ष के हंगामे के कारण प्रधानमंत्री को अपना भाषण जारी रखने में दिक्कत हो रही थी। सभापति रेणुका को ऐसा न करने की सलाह दे रहे थे| तभी पीएम ने नायडू से कहा कि सभापति महोदय आप रेणुका चौधरी को न रोकें क्योंकि, रामायण सीरियल के बाद उन्हें इस तरह की हंसी सुनने का सौभाग्य मिला है। प्रधानमंत्री के इस तंज पर सत्ता पक्ष के सभी सदस्य हंसने लगे जबकि रेणुका चौधरी चुप हो गईं।
हालांकि, रेणुका सदन में तो इस बयान पर कुछ नहीं बोल पाईं लेकिन, सदन से बाहर आज (गुरुवार को) रेणुका चौधरी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘मोदी सरकार के मंत्री किरन रिजिजू ने जो विडियो पोस्ट किया है, वह बेहद आपत्तिजनक है। ये लोग बेटी बचाओ, महिलाओं के सम्मान की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। ये तरीका है इनके सम्मान का? मैं दो युवा बेटियों की मां हूं। मैं किसी की पत्नी हूं और उन्होंने मेरी तुलना शूर्पनखा राक्षसी से की है। यह बेहद शर्मनाक है।’
इस मामले पर महिला कांग्रेस ने अध्यक्ष और सांसद सुष्मिता देव ने प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान को महिला विरोधी करार दिया है। उन्होंने कहा कि समय-समय पर प्रधानमंत्री मोदी महिला विरोधी बयान देते रहे हैं चाहे वो कांग्रेस सांसद शशि थरूर की पत्नी को 50 करोड़ की गर्ल फ्रेंड कहने का मामला हो या कोई अन्य, प्रधानमंत्री की इस तरह की बयानबाजी बर्दाश्त नहीं की जा सकती।
कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘कुछ महिला मंत्रियों का कहना है कि रेणुका चौधरी प्रधानमंत्री से ऐसी ही टिप्पणी सुनने के लायक हैं। सचमुच, उन्हें प्रधानमंत्री का बचाव करने का अधिकार है लेकिन, ये टिप्पणी एक महिला के खिलाफ है। उन्हें प्रधानमंत्री मोदी के गुलामों की तरह काम नहीं करना चाहिए।’