रिफाइनरी के शुभारंभ पर बोले PM मोदी कांग्रेस और अकाल जुड़वा भाई
बाड़मेर/जयपुर, 16 जनवरी : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को बाड़मेर जिले के पचपदरा में 43 हजार करोड़ की लागत से लगने वाली राजस्थान रिफाइनरी के कार्य का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि, ‘यह रिफाइनरी यहां की तकदीर और तस्वीर बदलेगी। इससे पूरे क्षेत्र के आर्थिक मानदंड बदल जाएंगे। लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा। पांच साल के अंदर यहां कितना बड़ा बदलाव आने वाला है, इसका आप भली भांति विचार कर सकते हैं।’
प्रधानमंत्री ने राजस्थानी अंदाज में खम्माघणी और नमस्कार कहकर अभिवादन करते हुए अपने भाषण की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि दो दिन पहले ही हिन्दुस्तान में मकर संक्राति का पर्व मनाया गया है। संक्रांति के बाद उन्नति अंतर्रनिहित होती है। मकर संक्रांति पर्व के बाद राजस्थान की धरती पर पूरे हिन्दुस्तान को ऊर्जावान बनाने का अहम प्रकल्प का आज कार्य आरंभ हो रहा है।
कांग्रेस पर तंज कसते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पत्थर लगाकर लोगों को गुमराह नहीं किया जा सकता है। पत्थर लगाने से काम शुरू नहीं होता| पत्थर केवल बाड़मेर में ही नहीं लगे हैं| जो लोग रिसर्च करने के आदी हैं, बाल की खाल उतारने की जो ताकत रखते हैं, मैं उन सभी को निमंत्रण देता हूं जरा देखो तो सही कांग्रेस सरकारों की कार्यशैली कैसी है। उन्होंने कहा कि आज जो कार्य आरंभ करने का कार्यक्रम बना है। इसके कारण आने वाले दिनों में कोई भी सरकार हो, नेता हो जब पत्थर लगाएगा तो लोग पूछेंगे पत्थर तो लगा दिया है। इसका काम कब शुरू होगा। इस कार्यक्रम के बाद पूरे देश में जागरूकता आएगी। आज पूरे क्षेत्र के विकास से जुड़ने के लिए मुझे कार्यारंभ करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। 2022 में जो सपने आजादी के दीवानों ने देखे थे, वैसा हिन्दुस्तान उनके चरणों में समर्पित करें। यह संकल्प से सिद्धी का समय है| जब 75 साल का जश्न मनाया जाएगा, तब बाड़मेर से भारत को ऊर्जा मिलेगी। इसी वर्ष रिफाइनरी का उद्घाटन होगा।
शेखावत, जसवंत को किया याद
अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने बाड़मेर की धरती से जुड़े अनेक महापुरुषों को याद करते हुए धरती को नमन किया। उन्होंने कहा कि पचपदरा की यह धरती, स्वाधीनता सेनानी से स्व. गुलाबचंद की धरती है। गांधी जी के नमक सत्याग्रह से पहले उन्होंने यहां नमक सत्याग्रह किया था। पीने का पानी लाने, कॉलेज खोलने और इस क्षेत्र में रेल लाइन लाने में गुलाबचंद को हर कोई याद करता है। उन्होंने कहा कि राजस्थान को आधुनिक, संकटों से मुक्त और सबसे पहले रिफाइनरी की कल्पना करने वाले स्व. भैरोंसिंह शेखावत को मैं आज याद करता हूं। उन्होंने कहा कि हम सब ईश्वर से प्रार्थना करें कि इसी धरती के सपूत जसवंत सिंह का स्वास्थ्य बहुत जल्दी अच्छा हो जाए। उनके अनुभव का लाभ देश को मिले। उनके उत्तम स्वास्थ्य की हम सब कामना करते हैं।
हाइफा को मुक्त कराने वाले मेजर दलपत सिंह इसी धरती के पुत्र :
प्रधानमंत्री ने कहा कि इजराइल के प्रधानमंत्री भारत की यात्रा पर हैं| 14 साल बाद इजराइल के प्रधानमंत्री यहां आए हैं। देश आजाद होने के बाद मैं पहला प्रधानमंत्री था, जो इजराइल की धरती पर गया था। मेरे राजस्थान के वीरों को यह जानकर गर्व होगा कि मैं इजराइल गया, समय की खींचातानी के बीच भी मैं हाइफा गया। वहां जाकर प्रथम विश्व युद्ध में हाइफा को मुक्त कराने के लिए आज से सौ साल पहले जिन वीरों ने बलिदान दिया था उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित की। उस टुकड़ी का नेतृत्व इसी धरती के वीर मेजर दलपत सिंह शेखावत ने किया था। उन्होंने हाइफा को मुक्त कराया। इजराइल के प्रधानमंत्री के साथ मैं सबसे पहले दिल्ली में त्रिमूर्ति चौक (हाइफा चौक) गए जो मेजर दलपत सिंह शेखावत की याद में बना है। उन्होंने कहा कि यह वीरों और बलिदानों की धरती है। शायद ही इतिहास में कोई घटना रही हो जिसमें यहां के वीरों का रक्त नहीं बहा हो।
कांग्रेस और अकाल जुड़वा भाई
उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि जब भी मैं यहां आता था तो सुनता था कि राजस्थान में कांग्रेस और अकाल जुड़वा भाई हैं| जहां कांग्रेस जाएगी वहां अकाल साथ-साथ जाता है, लेकिन वसुंधरा राजे को जब भी सेवा करने का मौका मिला। इस सूखी धरती को पानी मिलता रहा है| हालांकि हमें इससे भी आगे जाना है। राजस्थान देश के विकास में नई ताकत देने वाला हो, ऐसा हमें नया राजस्थान बनाना है।
उन्होंने कहा कि बड़ी-बड़ी बातें करना कांग्रेस की कार्यशैली का हिस्सा है। उन्होंने कहा किसी भी सदस्य को संसद को गुमराह करने का हक नहीं होता है। प्रधानमंत्री बनने के बाद जब रेल बजट देख रहे थे तो पता चला कि कई सरकारें आई और गई लेकिन रेलवे बजट में 1500 से ज्यादा ऐसी-ऐसी घोषणाएं की गई, जिनका नामोनिशान नहीं है। वैसी ही कागजों पर लटकी पड़ी हैं| हमने फैसला किया कि कुछ पल की तालियों से कुछ नहीं होगा। हमने रेलवे बजट में वाहवाही लूटकर तालियां बजाने का काम बंद कर दिया। तय किया कि जितना करेंगे उतना ही बोलेंगे। देश को धीरे- धीरे सही बोलने और सही सुनने की ताकत आएगी। उन्होंने कांग्रेस के गरीबी हटाओ नारे पर तंज कसते हुए कहा कि आजादी के 70 साल में गरीब के लिए कोई योजनाएं नहीं बनाई।
केन्द्र की योजनाएं गिनाई
वन रैंक वन पेंशन योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि चालीस साल से वन रैंक वन पेंशन योजना लटकी हुई थी। हर चुनाव से पहले इसे भुनाने के प्रयास हुए। 2014 में भी वन रैंक वन पेंशन की बात भुना ली। 13 और 15 सितम्बर 2013 में हमने रेवाड़ी में घोषणा की कि हमारी सरकार आएगी तो वन रैंक वन पेंशन लागू करेगी। इसके बाद कांग्रेस सरकार ने आनन-फानन में अंतरिम बजट में 500 करोड़ का प्रावधान कर दिया और चुनाव में इसे भुनाते रहे। बजट में पांच सौ करोड़ का प्रावधान तो कर दिया लेकिन वन रैंक वन पेंशन क्या है, इसकी पात्रता किसको है, इसका भुगतान कैसा होगा, यह कहीं कागजों पर नहीं थी। सिर्फ चुनावी वादा था। मुझे सब चीजें कागज पर एकत्रित करने में डेढ़ साल लग गया। जब हिसाब लगाया तो 12 हजार करोड़ से भी ज्यादा हो गया। मैंने फौज के लोगों को बुलाया| कहा, मैंने वादा किया था लेकिन सरकार के पास एक साथ 12 हजार करोड़ एक साथ खर्च करने की ताकत नहीं है। आपने देश के लिए बहुत कुछ किया है मुझे मदद कीजिए। यदि एक साथ दूंगा तो कई योजनाएं अटक जाएगी। मैंने चार टुकड़ों में देने की बात कही तो सैनिक सहर्ष तैयार हो गए। अब तक चार किश्तों में 10 हजार 700 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। बाकी भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा।
गरीबों के लिए जनधन योजना
बैंकों का राष्ट्रीयकरण हुआ लेकिन गरीब बैंक के दरवाजे तक नहीं पहुंच पाया। गरीबी के खिलाफ लड़ाई में गरीबों को सशक्त करना होगा तभी गरीबी हटेगी। आजादी के 70 साल बाद हमने 25 करोड़ गरीबों के जनधन योजना के तहत बैंकों में खाते खोले। आश्चर्य की बात है कि जीरो बैलेंस से खुलने वाले खातों में भी मेरे देश के गरीबों ने 72 हजार करोड़ रुपये जमा करा दिए। उन्होंने कहा कि अमीर बैंक से पैसा निकालने में लगा है, गरीब पैसा जमा कराने में लगा है।
उज्ज्वला योजना
प्रधानमंत्री ने कहा कि उज्ज्वला योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हमने 3 करोड़ 30 लाख घरों में उज्ज्वला योजना के तहत धुआंमुक्त एलपीजी गैस का चूल्हा लगा दिया है। उन्होंने कहा कि आजादी के 70 साल बाद भी 18 हजार गांव बिजली नहीं थी। इन गांवों में बिजली पहुंचाने का बीड़ा हमने उठाया है| अब केवल दो हजार गांव बचे हैं| काम तेजी से चल रहा है। उन्होंने कहा कि देश में चार करोड़ परिवारों के पास बिजली कनेक्शन नहीं है। सरकार महात्मा गांधी की जयंती तक इन घरों में बिजली के कनेक्शन दे देगी।
मोदी ने कहा कि भारत सरकार के लिए रिफाइनरी घाटे का सौदा है। पुरानी योजना के अनुसार काम आगे बढ़ा होता तो केन्द्र सरकार को 40 हजार करोड़ रुपये मिलते। उन्होंने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की प्रशंसा करते हुए कहा कि वसुंधरा में राज परिवार के संस्कार के साथ राजस्थान का पानी पीने के कारण मारवाड़ी संस्कार भी आ गए हैं। राजे राज्य के हित के लिए अपनी ही पार्टी की केन्द्र सरकार से अड़ गईं| उसी नतीजा है, कागज पर लटकी यह परियोजना धरातल पर आना शुरू हो गई है। भारत को बाड़मेर की धरती से ऊर्जा मिलने वाली है और बाड़मेर रिफाइनरी देश की ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करने वाली है। (हि.स.)।