राष्ट्रपति चुनाव : मुखर्जी हैं नीतीश कुमार की पहली पसंद
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नई दिल्ली, 15 मई = राष्ट्रपति चुनाव की दस्तक तेज होने के साथ ही इस पद के उपयुक्त उम्मीदवार के लिए सत्ता पक्ष व विपक्षी खेमे में हलचल तेज हो गई है। इस बीच, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक बयान ने दिल्ली के सियासी गलियारे में अटकलों के बाजार को और हवा दे दी है।
दरअसल, नीतीश ने इस बात का संकेत दिया है कि अगर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को दूसरा कार्यकाल मिले तो वह इसका समर्थन करेंगे। उन्होंने कहा है कि अच्छा होगा यदि वह (प्रणव मुखर्जी) फिर से राष्ट्रपति बनें, लेकिन सत्ताधारी दल को इसकी पहल करनी चाहिए। ऐसा कह नीतीश ने एनडीए की अगुवाई कर रही भाजपा के पाले में गेंद डाल दी है। चूंकि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से रिश्ते मधुर हैं| ऐसे में नीतीश का यह बयान भाजपा की रणनीति पर कितना असर डालता है, यह देखना दिलचस्प होगा।
बताते चलें कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल जुलाई के अंत में खत्म होगा। इसलिए सभी सियासी दिग्गज अपने पसंदीदा व्यक्ति को राष्ट्र प्रमुख के इस पद पर बैठाने के लिए पूरी शिद्दत से जुट गए हैं।
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विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त उम्मीदवार तय करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कमान थाम ली है। कई दलों के नेताओं से मुलाकात के बाद सोनिया के बसपा सुप्रीमो मायावती, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व डीएम के नेता एम के स्टालिन से जल्द ही मुलाकात की संभावना है।
वहीं, केंद्र की सत्ता पर काबिज एनडीए की अगुवाई कर रही भाजपा ने भी अंदरखाने अपनी कोशिशें तेज कर दी है। इस कड़ी में आंध्र प्रदेश की वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख जगन मोहन रेड्डी ने प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद एनडीए को अपना समर्थन करने का ऐलान किया है। वहीं, तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक के दोनों गुटों के भाजपा के साथ आने की संभावना बन रही है। बहरहाल, नीतीश का मुखर्जी को समर्थन देने के संकेत से सत्तापक्ष और विपक्षी खेमे की रणनीति पर असर पड़ सकता है।