रणबीर हत्याकांड में उत्तराखंड के सात पुलिसकर्मियों को हाईकोर्ट ने भी दोषी माना
3 जुलाई 2009 को गाजियाबाद के एमबीए छात्र रणबीर सिंह को उत्तराखंड पुलिस के जवानों ने मार डाला था, 11 पुलिसकर्मी बरी किये गए
नई दिल्ली, 06 फरवरी (हि.स.)। दिल्ली हाईकोर्ट ने देहरादून में एक एमबीए छात्र की हत्या के मामले में उत्तराखंड के सात पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराने के ट्रायल कोर्ट के फैसले पर मुहर लगा दी है। हाईकोर्ट ने इस मामले में 11 पुलिसकर्मियों को बरी कर दिया है।
इन सभी 18 पुलिसकर्मियों ने ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। मामला 3 जुलाई 2009 का है । गाजियाबाद के एमबीए के छात्र रणबीर सिंह को उत्तराखंड पुलिस के जवानों ने मार डाला था। रणबीर के शरीर पर 29 गोलियों के निशान मिले थे। पुलिस के मुताबिक उसे ये संदेह हुआ था कि रणबीर वसूली गिरोह का सदस्य था।
2014 में तीस हजारी कोर्ट ने 18 पुलिसकर्मियों को हत्या, अपहरण, सुबूत मिटाने और आपराधिक साजिश रचने और गलत सरकारी रिकार्ड तैयार करने के मामले में दोषी करार दिया था।
जुलाई, 2009 में नौकरी के लिए इंटरव्यू देने के लिए गए रणबीर सिंह को पुलिस ने बदमाश बताकर इसलिए मार डाला था,क्योंकि उसकी पुलिस कर्मियों से कहासुनी हो गई थी। पुलिस ने न केवल वाहवाही बटोरी बल्कि तत्कालीन राज्य सरकार ने फर्जी एनकाउंटर करने वाले पुलिसकर्मियों को सम्मानित भी किया था।
परिवार की मांग पर सीबीआई जांच हुई। जांच में खुलासा हुआ कि उत्तराखंड पुलिस ने खुन्नस निकालने के लिए रणबीर सिंह का फर्जी एनकाउंटर किया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मामला का ट्रायल दिल्ली ट्रांसफर हुआ था।