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यूपी में 15 लाख मरीज हेपेटाइटिस सी वायरस से जूझ रहे

लखनऊ, 24 जुलाई : हेपेटाइटिस सी का संक्रमण सम्पूर्ण भारत में एक बड़ी समस्या है जो निरन्तर बढ़ती ही जा रही है। भारत की जनसंख्या का एक प्रतिशत लोग इस संक्रमण से ग्रस्त है। इस समय भारत में सत्तासी लाख और उत्तर प्रदेश में लगभग 15 लाख रोगी हेपेटाइटिस सी वायरस से संक्रमित है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकलन के अनुसार भारत में वर्ष 2014 में लगभग दो लाख अट्ठासी हजार नये संक्रमण सामने आये हैं।

किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पेरेटरी मेडिसिन विभाग के प्रो. आर. ए.एस कुशवाहा ने बताया कि हेपेटाइटिस-बी लिवर को प्रभावित करने वाला एक गंभीर संक्रमण है। यह वायरस मरीज के लिवर को निशाना बनाता है जिसके कारण शरीर स्थायी रूप से प्रभावित होता है। इससे डायरिया, भूख कम होना, उल्टियां होना जैसी समस्यायें पैदा होती हैं। 

केजीएमयू के गैस्ट्रोमेडिसिन विभाग के प्रो. सुमित के मुताबिक हेपेटाइटिस सी वायरस से बचाव के लिये कोई वैक्सीन नहीं है। फिर भी यह पूर्णतया ठीक होने वाली बीमारी है और इससे बचाव भी सम्भव है।

चिकित्सकों के मुताबिक वर्तमान समय में इसके उपचार के लिए एक दिन में मात्र पांच से छह गोलियां लेनी होती है, यह उपचार छह माह तक चलता है जो अस्सी से नब्बे प्रतिशत रोगियों को पूर्णतया संक्रमण मुक्त कर सकता है तथा इसके न्यनतम दुष्प्रभाव है। पच्चासी से पंचानवे प्रतिशत रोगियों को हेपेटाइटिस सी के परम्परागत उपचार में इंटरफेराॅंन इन्जेक्शन दिये जाते है। इस दवा को देने से तीन माह के भीतर इस संक्रमण से मुक्ति मिल जाती है। इस नये उपचार की अवधि भी कम है और इसमें खर्च भी पहले की अपेक्षा कम आता है।

इस बीमार में उपचार के साथ-साथ बचाव भी अत्यन्त आवश्यक है। देश के कुछ राज्यों जैसे तमिलनाडु, मणिपुर व पंजाब ने ऐसा कर दिखाया है। इसका उचित उपाय खोजना उत्तर प्रदेश के लिए एक चुनौती है।

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